गोमिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज कराने आए मरीज की में मौत, परिजनों ने 108 एम्बुलेंस के स्टार्ट नहीं होने के कारण मरीज की मौत का लगाया आरोप, आक्रोशित परिजनों ने कहा- चालक उप चालक के साथ एम्बुलेंस को आधे घंटे तक लगाते रहे धक्का और मरीज की चली गई जान
गोमिया। गोमिया के सरकारी अस्पताल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पुनः एक मरीज की मौत पर हंगामा देखने को मिला है इस बार मृतक परिजनों ने डायल 108 एम्बुलेंस का स्टार्ट नहीं होने का कारण बताकर हंगामा किया है।
मामले के अनुसार, साड़म बाजार निवासी शिशिर प्रसाद (73) का अचानक स्वास्थ्य बिगड़ने पर उनके पुत्र गोपाल प्रसाद व भतीजा कुंदन प्रसाद ने उसे निजी वाहन के माध्यम से रविवार सुबह 9 बजे गोमिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाकर भर्ती कराया। जहां मौजूद चिकित्सकों ने फर्स्ट एड के बाद स्थिति की गंभीरता को देखते हुए उसे बोकारो सदर रेफर कर दिया।
पहुंचे परिजनों ने मरीज को बोकारो ले जाने के लिए एम्बुलेंस मांगी तो चिकित्सकों ने डायल 108 का सुझाव दिया। मृतक के पुत्र गोपाल प्रसाद व भतीजा कुंदन प्रसाद ने संयुक्त रूप से बताया कि डायल 108 में बात करने पर मरीज को ले जाने के लिए अस्पताल परिसर में खड़ी 108 को मुहैया कराया गया, लेकिन मरीज को ले जाने के लिए जब एम्बुलेंस को स्टार्ट करने लगे तो एम्बुलेंस स्टार्ट नहीं हुई। बताया कि करीब आधे घंटे तक एम्बुलेंस चालक, उप चालक सहित परिजनों ने भी एम्बुलेंस को धक्का लगाकर स्टार्ट करने का प्रयास किया किंतु स्टार्ट नहीं हो सका।
अंततः नौबत यह आ गया कि अनुमंडलीय अस्पताल तेनुघाट से 108 को बुलाया गया। बताया कि अनुमंडलीय अस्पताल तेनुघाट से 108 के पहुंचने से पूर्व हीं मरीज की मौत हो गई।बेटे गोपाल ने बताया कि जब उनके पिता की धड़कन बंद हो गई तो उन्होंने पुनः चिकित्सक डॉ. एच बारला को बुलाया जिनके द्वारा मरीज की मौत की पुष्टि की गई। मरीज के मौत के बाद परिजनों और एम्बुलेंस कर्मियों के बीच काफी देर तक नोंक झोंक भी होती रही।
मृतक के पुत्र गोपाल ने बताया कि उनके पिता सिलाई कर परिवार का जीविका चलाते थे उम्रदराज होने के कारण उनका दवा रांची से चल रहा था। रविवार को सुबह अचानक उसकी तबियत बिगड़ने लगी जिस पर आनन फानन में निजी वाहन को बुलाया गया। बताया कि 9 बजे अस्पताल पहुंचे थे उनकी सांसें चल रही थी वह जीवित था। 108 स्टार्ट नहीं होने के कारण उसकी मौत हो गई। बताया कि वे बड़ी उम्मीद लेकर वे अस्पताल पहुंचे थे की उसके भाई की जान बच जाएगी। लेकिन अस्पताल में 108 की रखरखाव व मेंटेनेंस के कारण उन्हें यहां भी निराशा ही हाथ लगी।
प्राथमिक जांच किए चिकित्सक डॉ. एच बारला ने बताया कि मरीज को गंभीर व बेहोशी की हालत में भर्ती कराया गया था। जहां से प्राथमिक इलाज के बाद बोकारो सदर रेफर कर दिया। 108 में तकनीकी खराबी आने के कारण स्टार्ट नहीं हो सकी, जिसके बाद तेनुघाट से एम्बुलेंस बुलाई गई। लेकिन मरीज की स्थिति ज्यादा खराब होने के कारण एम्बुलेंस पहुंचने से पूर्व ही उसकी मौत अस्पताल में हीं हो गई।
स्वास्थ्यकर्मी सह झारखंड चिकित्सा शिक्षा कर्मचारी संघ के प्रखंड अध्यक्ष लक्ष्मी मजूमदार ने कहा कि पिछले एक माह से एम्बुलेंस में गड़बड़ी है, बार बार धकेल कर स्टार्ट करते देखा गया है। वहीं एम्बुलेंस कर्मी का कहना है कि हमलोगों ने पूर्व में कई बार ठेका कंपनी को एम्बुलेंस के मेंटनेंस करने के लिए शिकायत कर चुके हैं।
इधर अस्पताल प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. जितेंद्र कुमार से संपर्क कर पूछे जाने पर उनका कहना है कि मरीज को अस्पताल के चिकित्सकों द्वारा मरीज को रेफर किया गया था, 108 उनके कंट्रोल में नहीं है। डायल 108 राज्य कंट्रोल में है 108 के मसले पर कुछ भी नहीं कहा जा सकता है।
साड़म पश्चिमी के निवर्तमान उप मुखिया विकास जैन ने कहा है कि शिशिर प्रसाद गरीब परिवार से आते थे। 108 क़ी तकनीकी खराबी के कारण उनकी मौत हुई है, बताया कि एम्बुलेंस को दुरुस्त रखा जाता तो मरीज की जान बच सकती थी।