गोमिया। गोमिया में अर्द्धनग्न व विक्षिप्त अवस्था में भटकती-फिर रही एक आदिवासी युवती को बुधवार को सहारा मिल गया। किसी जरूरी काम से गोमिया बैंक मोड़ पहुंचे समाजसेवी संस्था "माहेर मां का मायका" के सक्रिय सदस्य रमेश मरांडी की नजर ज्यों ही आदिवासी युवती पर पड़ी उन्होंने तुरंत कसवागढ़ स्थित माहेर के पदाधिकारियों को सूचित किया। जिसके बाद संस्था की एक टीम निजी एम्बुलेंस से पहुंची और विक्षिप्त युवती को ले जाने लगी। एम्बुलेंस में बैठाते ही विक्षिप्त युवती और उग्र हो गई और संस्था से पहुंची महिला कर्मचारियों के साथ मारपीट करने लगी। बहरहाल किसी प्रकार युवती एम्बुलेंस में लादकर माहेर संस्था भेजा गया।
सूचनाकर्ता माहेर के सक्रिय सदस्य रमेश मरांडी ने बताया कि ने बताया कि उन्हें उक्त विक्षिप्त आदिवासी युवती की क्षेत्र में अर्द्धनग्न व विक्षिप्त अवस्था मे घूमने की लगातार सूचना मिल रही थी, परंतु कोई खास लोकेशन नहीं मिल पाने के कारण उसे नहीं खोजा जा सका। बताया कि आज अचानक मेरी नजर उक्त युवती पर पड़ी जिसके बाद उसे माहेर संस्था भेजा गया है। बताया कि युवती को गाड़ी में बैठाने के दौरान वह आक्रामक हो गई और कर्मचारियों से ही मारपीट करने लगी।
प्रत्यक्षदर्शी संजय सिंह ने बताया कि युवती लगभग चार-पांच महीने पहले से गोमिया क्षेत्र में बदहाल अवस्था में भटकती-फिरती देखी जा रही थी, जो इशारे से खाना पानी मांगकर अपना जीवन जी रही थी। उन्होंने माहेर के इस पहल को सार्थक बताया। कहा कि इससे उसे इस कड़ाके की ठंड के मौसम में काफी राहत मिलेगी।
इधर माहेर के इंचार्ज राजेश कुजूर ने बताया कि आदिवासी युवती वह अपना नाम पता ठिकाना कुछ भी नहीं बता पा रही है। आम लोगों को देखते ही उसके ऊपर खौफ व दहशत हावी हो जाता है। बताया कि उसको गुरुवार को प्राथमिक इलाज के लिए रांची रिनपास स्थित कांके मनोचिकित्सालय भेजा जाएगा। जिसके बाद उक्त युवती को पुनः वापस माहेर संस्था रखेगी।
मौके पर रानी कुमारी, सुप्रिया बोदरा, शिवरानी कुमारी, हेमंत कुमार आदि उपस्थित थे।