गोमिया। गोमिया प्रखंड के ससबेड़ा पूर्वी पंचायत के नावाडाड़ी गांव में किसानों द्वारा धान की फसल को बचाने के लिए लगाए बाड़ की तार में एक लकड़बग्घा (HYENA) फंस गया। रात से सुबह तक उसकी गुर्राने की आवाज सुनकर स्थानीय लोग वहां पहुंचे तब जाकर राज खुला।
ग्रामीणों ने बताया कि लकड़बघ्घा देर रात से लगातार गुर्राए जा रहा था, आवाज सुनकर कुछ लोग पहुंचे तो देखकर उनके होश उड़ गए। लकड़बग्घे के फंसने की खबर सुनकर सैकड़ों लोगों की भीड़ घटनास्थल पर जुट गई। लोगों ने तत्काल की सूचना स्थानीय आईईएल पुलिस वन विभाग की टीम को दी। सूचना मिलते ही आईईएल पुलिस मौके पर पहुंचा।
राजू चौहान व धनेश्वर चौहान ने संयुक्त रूप से बताया कि धान की फसल पक चुकी है जंगली और स्थानीय सुवरों का आतंक भी चरम पर है। सुवर फसलों को या तो खा जाते है नहीं तो रौंदकर बर्बाद कर देते हैं। बताया कि सुवरों से पके फसलों को बचाने के लिए लगाए गए बाड़ के तार में बीती मध्य रात एक लकड़बग्घा फंस गया। उसने खुद को छुड़ाने की काफी कोशिश की लेकिन वह नहीं निकल सका। बताया कि टार में फंसे होने के कारण लकड़बघ्घा गंभीर रूप से घायल होकर लगातार गुर्राए जा रहा था।
खेत मालिक अर्जुन गंझू ने बताया कि सुवरों के आतंक के कारण ही वे अपने खेत को साझा पर स्थानीय मिहीलाल मांझी को दिए हैं। हालांकि घर नजदीक होने के कारण वह भी फसलों की देखरेख करते हैं। खेत में मिहीलाल मांझी ही बाड़ लगाया था जिसके तार में लकड़बघ्घा फंस गया। आवाज सुनकर लोग पहुंचे तो लकड़बग्घे को देखकर उनकी उनके होश उड़ गए। सूचनोपरांत पहुंचे आईईएल थाना के एसआई पिंकू सिंह ने ग्रामीणों को सुरक्षा के एहतियात से फंसे लकड़बघ्घे से दूर रहने की बात कही। इसीप्रकार उन्होंने गोमिया बीडीओ और वन विभाग को भी घटना की पुनः सूचना दे दिया है।
वन विभाग की टीम मौके पर पहुंचकर लकड़बघ्घे को तार काट कर मुक्त कराया। वनरक्षी निताय चंद महतो ने बताया कि लकड़बग्घे के गर्दन में गहरे जख्म बन गए हैं। प्रखंड पशुपालन पदाधिकारी सुरेश प्रसाद द्वारा लकड़बघ्घे का प्राथमिक इलाज के बाद गोमिया वन क्षेत्र पदाधिकारी शंकर पासवान के निर्देशन झुमरा पहाड़ जंगल क्षेत्र में छोड़ दिया गया गया है।
मौके पर वन विभाग के वनरक्षी निताय चंद महतो, नेहरू प्रजापति, चंदन कुमार, सुनील कुमार रामगढ़, पशु रक्षक दिलीप साव, अशोक यादव, कृष्णा पासवान रेस्टहाउस तेनुघाट चौकीदार सूर्यदेव यादव आदि मौजूद थे।