गोमिया। गोमिया के कसवागढ़ स्थित 'माहेर- मां का घर' नामक संस्था में बीते चार सालों से आश्रय पाकर रह रही एक विक्षिप्त वृद्ध महिला को लेने उसका पुत्र उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले से लेने गोमिया पहुंचा।
संस्था माहेर के गोमिया इंचार्ज राजेश कुजूर ने बताया कि पिछले चार वर्षों से संस्था उत्तर प्रदेश की वृद्धा मिठानी देवी को उसके परिवार से मिलाने की कोशिश में जुटी थी। अपने छोटे बेटे राजकुमार को देखकर विक्षिप्त वृद्धा का व्यवहार पहले से अधिक सौम्य और सुलभ हो गया। महिला ने बेटे को तुरंत पहचान लिया और खुशी से झूम उठी। इंचार्ज राजेश ने बताया कि चार वर्ष अक्टूबर 2017 में महिला को झारखंड के ही मैकलुस्कीगंज में की क्रशर किनारे भटक रही वृद्धा को उठाकर लाया गया था उस वक्त वह पूरी तरह विक्षिप्त थी। इन चार वर्षों के दौरान संस्था ने वृद्धा को अपनी देखरेख में रांची स्थित रिनपास अस्पताल में इलाज कराया। अब वृद्धा पूरी तरह ठीक हो चुकी है। बताया कि उसके संस्था द्वारा संचालित हेल्प डेस्क नामक व्हाट्सएप ग्रुप में वृद्धा का फ़ोटो सहित पहचान डाला गया था। जिससे उनके परिजनों तक पहुंचने में आसानी हुई। बताया कि वृद्धा को उसका परिवार मिलने की खुशी मुझे सहित पूरे माहेर परिवार को है को है।
वहीं हरदोई से गोमिया पहुंचे बेटे राजकुमार ने बताया कि मेरे पिता के गुजरने के पहले से मेरी मां के व्यवहार में काफी बदलाव आ गया था। पूर्व में भी कई बार घर छोड़कर जा चुकी है, लेकिन कुछ दिनों बाद वापस लौट जाया करती थी। फिर जून 2016 में घर से निकलने के बाद वापस नहीं लौटी थी। इसी बीच एक दिन हरदोई के स्थानीय थाना द्वारा सूचना दी गई और मां का फोटो दिखाया गया। जिसके बाद मां के गोमिया स्थित माहेर संस्था में होने की जानकारी मिली और आज वापस हरदोई ले जाने पहुंचे थे। जहां संस्था द्वारा विधि सम्मत कागजी कार्रवाई के बाद वृद्धा को उसके परिजनों को सौप दिया गया। वहीं वृद्धा के पुत्र ने भी माहेर संस्था और उसके संचालक को शुक्रिया कहा है।