गोमिया। गोमिया प्रखंड के साड़म में ढाई दशक पूर्व स्थापित हाइडल पावर प्लांट उद्घाटन की बाट जोहते-जोहते खंडहर व वीरानी में तब्दील हो गया है। गोमियावासियों को बड़ी उम्मीदें थी कि एक मेगावाट बिजली उत्पादन क्षमता वाले इस प्लांट के चालू होने से प्रखंड के सभी शहरी और ग्रामीण क्षेत्र को सुचारू व निर्बाध बिजली मिलेगी। 1993 में पूरी तरह बनकर तैयार होने के बावजूद यह हाइडल प्लांट चालू नहीं होने से यह प्लांट अब चोरों के लिए सुरक्षित चारागाह बन चूका है।
वर्ष 2011 के अप्रैल माह में झारखंड सरकार के प्रधान ऊर्जा सचिव विमल कीर्ति सिंह ने इस हाइडल प्लांट परियोजना का निरीक्षण कर गोमिया के तत्कालीन विधायक माधवलाल सिंह की उपस्थिति में आश्वस्त किया था कि जून 2012 में इस प्लांट का उद्घाटन कर विद्युत उत्पादन शुरू करा दिया जाएगा, बावजूद इसके उनकी घोषणा के 9 वर्ष गुजरने के बावजूद यह प्लांट चालू नहीं हो सका हां इसके ठीक उलट प्लांट खंडहर व वीरानी में तब्दील जरूर हो चूका है।
रखरखाव के अभाव में कैनाल जर्जर: एकीकृत बिहार की सरकार ने गोमिया प्रखंड के आसपास के गांवों में समुचित बिजली मुहैया कराने को वर्ष 1991 में इस हाइडल पावर प्लांट का निर्माण कार्य शुरू कराया, जो दो वर्ष के अंतराल में 1993 में बनकर तैयार भी हो गया था। निर्माण के ढाई दशक से अधिक का समय बीतने के बाद भी इस प्लांट से विद्युत उत्पादन शुरू नहीं हो सका। इसे चालू करने के लिए तेनुघाट डैम से पानी लाने को करोड़ों रुपये खर्चकर कैनाल का निर्माण कराया गया, जो रखरखाव के अभाव में अब वह भी जर्जर हो चला है।
चोरों का बना निशाना : निर्माण के बाद से बिना चालू हुए बंद पड़ा साड़म स्थित हाइडल पावर प्लांट को अब चोरों ने निशाना बनाना शुरू कर दिया है। इस प्लांट में लगे शक्तिशाली विद्युत ट्रांसफार्मर सीटीपीटीए 1250 केवी का, 100 केवीए का एक विद्युत ट्रांसफार्मर, 63 केवीए का दो विद्युत ट्रांसफार्मर, डीजी सेट, 2 से 18 कोर का केबल, टर्बाइन का पार्ट्स, जेनरेटर गीयर बॉक्स, रिले पैनल, कंट्रोल पैनल, 24 और 48 वोल्ट की बैट्री, इलेक्ट्रोनिक मशीन के टूल्स, बजाज का हाईलोजन बल्ब, सेफ्टी रड्स, लोहे के पाइपों, खम्भों व केबल पार्ट्स को क्जत्कर ले गये। साथ ही साथ अब अन्य पार्ट्स जंग लगकर खराब हो रहे हैं। बताया जाता है कि इस प्लांट से कथारा विद्युत सबस्टेशन तक 33 हजार वोल्ट की बिजली लाइन खिंची गई थी जो अब ख़राब हो चुकी है।
बंद पड़े साड़म हाइडल पॉवर प्लांट से फिर हुई लाखों के सामान की चोरी
गोमिया प्रखंड के साड़म स्थित बिहार हाइड्रोलिक पॉवर कॉर्पोरेशन तेनुघाट का 1 मेगावाट बिजली उत्पादन क्षमता वाले मिनी हाइडल प्लांट से लगातार कीमती कल पुर्जों की चोरी को लेकर झारखंड व बिहार सरकार मौन है। बीती रात अज्ञात चोरों ने प्लांट में लगे सेफ्टी रड्स, लोहे के पाइपों, हेवी कॉपर केबल्स सहित 33 हजार वोल्ट्स के हाई टेंशन केबल बिछाने के लिए लगे गये आधा दर्जन से अधिक लोहे के बिजली खम्भों को काटकर चुराकर ले गए। स्थानीय समाजसेवी मिथुन चंद्रवंशी ने बताया कि गोमिया थाना और तेनुघाट ओपी क्षेत्र के सीमांत पड़ने वाला यह क्षेत्र पूर्व में पूरी तरह बनकर तैयार होने के बावजूद चालू नहीं होने से यह प्लांट चोरों के लिए चारागाह बन गया है। यहाँ दर्जनों से अधिक बार चोरों द्वारा चोरी कि घटना को अंजाम दिया जा है। बताया कि इससे पूर्व भी उनके द्वारा गोमिया, साड़म में बड़े पैमाने अपर हो रही चोरी की घटनाओं की सुचना पुलिस प्रशासन को दी गई थी परंतु कोई कार्रवाई नहीं की गई। बताया कि गुरुवार को मोर्निंग वाक में आए स्थानीय लोगों ने देखा कि क्षेत्रीय प्लांट से उक्त सामान गायब हैं और अब जानवरों सहित आमजन की सुरक्षा को लेकर संकट गहराने लगा है। बताया कि उसी मार्ग से होकर व्रती सहित आमजन छठ घाट, मवेशी चरने के लिए गुजरते हैं। अज्ञात चोरों द्वारा सेफ्टी रॉड्स व पाइपों का काट ले जाने से अब संकट खड़ा हो गया है। बड़ी दुर्घटनाओं को निमंत्रण देने लगा है।