गोमिया। आईईएल थाना क्षेत्र के चित्तू गांव में बीती मध्य रात एक खपरैल मकान में आग लगने से पूरा मकान जल जाने की घटना प्रकाश में आया है। घटना के संबंध में बताया जाता है कि रविवार की रात करीब 1 बजे पुसन गंझू के घर में अचानक आग लग गया। घटना के वक्त घर पर पुसन गंझू की पत्नी घोघनी देवी और उनकी बहु रानी देवी मौजूद थी। भुक्तभोगी रानी देवी ने बताया कि रात में खाना खाकर वे दोनों सोने चले गए। अचानक आग की लपटें बिछावन पर गिरने लगा, किसी तरह घर से भागकर हम दोनों महिलाओं ने जान बचाया। बताया कि आग इतना भयावह थी कि घर का सारा सामान जलकर नष्ट हो गया।
आग बुझाने नहीं पहुंचे कोई भी पडोसी ?
अगलगी से प्रभावित महिलाओं ने बताया कि जैसे ही आग लगने की जानकारी मिली हो-हल्ला मचाना शुरू किया। पड़ोसियों के दरवाजे को ठकठकया परंतु कोई ग्रामीण आग बुझाने में सहभागी नहीं बना परुणामस्वरूप धु-धु कर घर सहित पूरा समान जलता रहा। बहुत देर बाद गोमिया के प्रखंड प्रमुख गुलाब चंद्र हांसदा से संपर्क कर प्रभावित परिवार ने मदद मांगी तो प्रमुख की मदद से निजी कंपनी का फायर ब्रिगेड की गाड़ी आग बुझाने पहुंची। बताया कि बड़ी मुश्किल से आग पर काबू पाया गया लेकिन तबतक बहुत देर हो चुकी थी सारा सामान जलकर नष्ट हो गया।
क्या क्या जला ?
रानी देवी ने बताया कि आग इतना भयावह था कि हम दोनों सास बहू कुछ भी नहीं बचा सके। घर में बंधे तीन बकरी, डेढ़ क्विंटल चावल, तीन क्विंटल धान, अड़तालीस हजार नकदी, कपडे, राशन, बर्तन, जमीन के कागजात, लाल राशनकार्ड सहित सभी जेवरात जलकर नष्ट हो गए।
संदिग्ध है अगलगी की घटना !
अगलगी की घटना के बारे में बताते हुए घोघनी देवी ने कहा कि गांव के ही कुछ लोगों ने घर मे आग लगा दिया। बताया कि बीते एक जनवरी को कथित रूप से गांव के ही दो लोगों की किसी दुर्घटना में मौत हो गई थी। परिणामस्वरूप कुछ अपरिचित सहित गांव वालों ने मौत का मुख्य दोषी घोघनी के पुत्र विशाल गंझू को माना और उसके साथ मारपीट की और उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया। जिसे किसी निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
क्या है पूरा मामला ?
गोमिया के एक निजी अस्पताल में इलाजरत विशाल गंझू ने बताया कि नए साल में करमाटांड़ क्रशर के समीप एक दुर्घटना हुई थी, जिसमें साउंड सिस्टम लदे चार पहिया वाहन से दुर्घटना में दो लोगों टेकलाल गंझू व महेश भोक्ता की मौत हो गई। बताया कि मैं गाड़ी चलाने तक नहीं जानता हूं परंतु उक्त आरोप को मेरे ऊपर मढ़ दिया गया। दो जनवरी को मेरे साथ कुछ अपरिचित व गांव के लोगों ने ही लाठी डंडे व पत्थरों से मारपीट की, जिससे मैं गंभीर रूप से घायल हो गया। बताया कि अपरिचितों ने उसके परिजनों को पानी व इलाज कराने पर यह कहकर पाबंदी लगा दिया कि यह भी इसीतरह मर जाएगा किंतु इसका इलाज नहीं होगा। उन लोगों ने उनको गांव से बाहर निकालने व परिवार को अंजाम भुगतने की भी धमकी दी। गोमिया प्रखंड प्रमुख गुलाब चंद्र हांसदा के हस्तक्षेप के बाद उसे इलाज के लिए भर्ती कराया गया है। जहां खौफ़जदा विशाल अपने पिता व पत्नी के साथ डरा सहमा इलाजरत है। वहीं डर के मारे 3 जनवरी को अपने छोटे भाई बीरेंद्र गंझू को काम करने के लिए मुंबई भाग जाने की भी बात कही।
पुलिस को नहीं मिली सूचना
1 जनवरी से लेकर 3 जनवरी तक करमाटांड़ की घटित घटना की जानकारी आईईएल पुलिस को भी नहीं मिली। जबकि घटना स्थल से आईईएल थाना की दूरी महज ढाई किलोमीटर है। हालांकि सोमवार को पूछताछ के दौरान थाना प्रभारी यमुना चौधरी ने बताया कि गोपनीय सूचना के आधार पर अगलगी की सुबह सुबह वह घटनास्थल पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। मिली प्राथमिक जानकारी के अनुसार अज्ञात अपराधियों द्वारा उक्त पूरी घटना को अंजाम दिए जाने की बात कही। वही पूर्व में कथित तौर पर दुर्घटना में मृत दो युवकों की बात से खुद को अनभिज्ञ बताया। उन्होंने कहा कि इस संबंध में कोई लिखित आवेदन प्राप्त नहीं है।
गोमिया सीओ ओम प्रकाश मंडल ने सरकारी प्रावधान के अनुसार भुक्तभोगी परिवार को उचित लाभ पहुंचाने का आश्वासन दिया है।
गोमिया प्रमुख गुलाब चंद्र हंसदा ने बताया कि ने बताया कि हंसदा ने बताया कि ने बताया कि चित्तू गांव में घटित घटना की जानकारी उन्हें प्राप्त है और उन्होंने ही फायर ब्रिगेड को फोन कर उक्त स्थान पर बुलाया जिससे आग पर काबू पाया जा सका। बताया कि बदले की कार्रवाई से वे अनभिज्ञ हैं अनभिज्ञ हैं।