खलारी - खलारी पिपरवार कोयलांचल कोयला उद्योग में अपनी अमिट पहचान बना चुकी है. अधिक कोयला उत्पादन के कारण यहां पर कोयले की धुलाई भी अत्याधिक पैमाने पर होती है. अधिक कोयला उत्पादन और ढुलाई होने से पूरा का पूरा क्षेत्र प्रदूषित रहता है. बरसात के दिनों में भी सड़कों पर कोयले की धूल उड़ती रहती है. प्रदूषण को कम करने के लिए सड़कों पर पानी छिड़काव और स्प्रिंकलर का प्रयोग किया जाता है. लेकिन महज कुछ ही घंटों में ही उसका असर खत्म हो जाता है और फिर से कोयले की धूल उड़ना शुरू हो जाती है. उड़ते हुए कोयले की धूल के बीच से ही लोगों की आवाजाही प्रतिदिन होती है जिसके कारण लोग कई तरह की बीमारियों से ग्रसित हो रही है. प्रदूषण का मानक को लेकर विभाग की ओर से क्षेत्र का निरीक्षण किया जाता है लेकिन सिर्फ खानापूर्ति के लिए ही होता है. प्रदूषण विभाग के सुस्त रवैया के कारण यहां पर खनन कर रही सीसीएल के द्वारा प्रदूषण को रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है.