गोमिया प्रखंड पारा शिक्षकों के ई-विद्या वाहिनी पोर्टल विवाद में मिला विधायक डॉ. लंबोदर का साथ, दिया एक दिवसीय धरना, आठ घंटे तक धरने में बैठे रहे विधायक, फिर मिला आश्वासन
गोमिया। गोमिया प्रखंड के पारा शिक्षकों के डेटाबेस को ई-विद्या वाहिनी पोर्टल में अपलोड नहीं होने के कारण अब पारा शिक्षकों को मानदेय व पारा से वंचित हो जाने का भय सताने लगा है।
तो वहीं पूरे मामले से अवगत हुए गोमिया विधायक डॉ. लंबोदर महतो बुधवार को सवा 12 बजे गोमिया बीआरसी कार्यालय पहुंचकर सैकड़ो पर शिक्षकों के इस आंदोलन को अपना समर्थन देते हुए "गोमिया प्रखंड के 553 पारा शिक्षकों का डाटा अविलंब अपलोड करना होगा" का बैनर तले एक दिवसीय धरने पर बैठ गए। इस दौरान विधायक महतो के साथ गोमिया प्रखंड प्रमुख गुलाब चंद्र हांसदा, घनश्याम राम, इंद्रनाथ महतो, प्रभु स्वर्णकार भी मौजूद थे।
विधायक महतो ने पत्रकारों से कहा कि यह पारा शिक्षकों की लड़ाई नहीं मेरी लड़ाई है। कहा कि गोमिया प्रखंड शिक्षा समिति के द्वारा पारा शिक्षकों के अनुमोदन की पंजी जो लगभग 7 वर्षों से गायब है और अब तक नही मिल पाई है। स्वाभाविक है कि यह विभाग की लापरवाही है। कहा कि अनुमोदन पंजी के नही रहने के कारण पारा शिक्षकों का पूरा डाटा ई विद्या वाहिनी वेबपोर्टल में नही आ पा रहा है, राज्य सरकार ने पिछले वर्ष ही पारा शिक्षकों के सुगम व सरलता से कार्य निष्पादन को लेकर डाटा संचयन के लिए वेबपोर्टल को बनाया है। इसमें निश्चित तिथि तक सभी पारा शिक्षकों का सर्टिफिकेट अपलोड करने का निर्देश दिया गया था। बताया कि गोमिया में अनुमोदन की पंजी गायब होने के कारण प्रखंड के 534 पारा शिक्षकों का डाटा वेबपोर्टल में नही चढाया जा सका है। जिसके समक्ष अब मानदेय नहीं मिलने सहित नौकरी जाने का भी डर सता रहा है।
बता दें कि बीते 5 मार्च 2021 को गोमिया विधायक डॉ. लंबोदर महतो के पहल के बाद ही पारा शिक्षकों ने अपना अनिश्चित कालीन हड़ताल वापस ने लिया था। गोमिया विधायक डॉ. महतो के हड़ताल में पहुँचने के बाद उनके 10 अप्रैल तक प्रभारी बीईईओ को डाटा अपलोड करने के आश्वासन के बाद शिक्षकों ने हड़ताल को वापस ले लिया था। इस लिहाज से भी विधायक संग पारा शिक्षकों बनाम शिक्षा विभाग की यह लड़ाई विधायक लंबोदर के लिए नाक की लड़ाई बनी हुई है।
इस बाबत विधायक महतो ने घंटों देर से पहुंचे क्षेत्र शिक्षा प्रसार पदाधिकारी सह प्रभारी बीईईओ गोमिया दिनेश मिश्रा के साथ संयुक्त बैठक की और ई-विद्या वाहिनी पोर्टल संबंधित पारा शिक्षकों के स्थाई हल निकालने की बात कही।
उन्होंने कहा कि हर हाल में पारा शिक्षकों का ई-विद्या वाहिनी पोर्टल में डेटाबेस अपलोड किया जाना सुनिश्चित करें। जिस पर प्रभारी बीईईओ ने कहा कि इस संबंध में जिला से भी मार्गदर्शन मांगा गया था परंतु अब तक प्राप्त नहीं हो सका। बताया कि जिला से स्पष्टीकरण नहीं मिलने पर पुनः जिला कार्यालय द्वारा राज्य से मार्गदर्शन मांगी गई है। इस पर विधायक ने तत्काल बोकारो डीसी से टेलीफोनिक बात कर गोमिया प्रखंड में पारा शिक्षकों की उक्त समस्याओं से अवगत कराया। कहा कि पारा शिक्षकों को अनावश्यक हलकान होना पड़ रहा है। उपायुक्त ने उन्हें आश्वासन दिया कि हर हाल में गुरुवार शाम तक गोमिया प्रखंड के पारा शिक्षकों का डेटा अपलोड संबंधित निर्णय ले लिया जाएगा। बावजूद इसके शाम सवा छः बजे तक पारा शिक्षकों के मुद्दे पर आम सहमति नहीं बन पाई थी।
विधायक की विभाग से ठनी, नहीं मनी मांग, मिला आश्वासन
उपायुक्त बोकारो के टेलीफोनिक आश्वासन के बावजूद विधायक धरने से उठने को जब तैयार नहीं हुए तो आनन फानन में क्षेत्र शिक्षा प्रसार पदाधिकारी सह प्रभारी प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी दिनेश मिश्रा ने तत्काल अपने पत्रांक camp-01 जारी कर कुल 550 पारा शिक्षकों में से 249 का अनुमोदन 12 अप्रैल को कर देने की बात कही, जबकि 106 पारा शिक्षकों का अनुमोदन आगामी 6 जुलाई को कर दी जाएगी। इसीप्रकार शेष बचे पारा शिक्षकों को राज्य परियोजना कार्यालय से मांगे गए मार्गदर्शन संचिका के उपलब्ध होते हीं करा दी जाएगी। बावजूद इसके विधायक की विभाग से ठनी इतनी बढ़ी की उक्त बाबत भी मानने को तैयार नहीं हुए। तत्पश्चात जिलाधिकारी के निर्देशन बेरमो एसडीएम अनंत कुमार व गोमिया बीडीओ कपिल कुमार गोमिया बीआरसी धरना स्थल पहुंचे और विधायक डॉ. महतो से धरना समाप्त करने की अपील की। मानने से इनकार कर रहे गोमिया विधायक को गोमिया शिक्षा विभाग एसडीएम की अगवानी में पुनः नई ज्ञापंक जारी कर जिसमें 3-4 दिनों के मोहलत उपरांत सभी पारा शिक्षकों का डाटा ई-विद्या वाहिनी पोर्टल में डेटा अपलोड करने की बात कही गई। एसडीएम से आश्वस्त गोमिया विधायक तब कहीं जाकर सवा आठ बजे माने और पारा शिक्षकों को आगे आंदोलन नहीं बढ़ाने की बात कह धरना समाप्त किया। धरना से उठे विधायक ने कहा कि उपायुक्त बोकारो ने उन्हें आश्वस्त किया है कि गुरुवार शाम तक वे इस दिशा में ठोस निर्णय ले लेंगे। इसके अलावा तीन दिनीं समय वेब पोर्टल में डाटा अपलोड करने संबंधित समय लिया गया है।
तो वहीं बुधवार की शाम होते होते गोमिया के पूर्व विधायक योगेंद्र प्रसाद के कार्यकर्ताओं ने भी अपने ऑफिसियल न ऑफिसियल सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म में पारा शिक्षकों की ई-विद्या वाहिनी पोर्टल में पर शिक्षकों की अनुमोदन संचिका को अपलोड करने के छोटी-ओछी राजनीति के आरोप वाले पोस्ट सोशल मीडिया में तेजी से घूमने लगा।
आईए जानते हैं ख़या है पूरा मामला ?
बता दें कि 2003-04 से प्राथमिक विद्यालय में ग्राम शिक्षा समिति के माध्यम से पारा शिक्षकों का चयन किया गया था। ग्राम शिक्षा समिति द्वारा चयनित पारा शिक्षकों का प्रखंड स्तर पर प्रखंड शिक्षा समिति के द्वारा अनुमोदन कर जिला को सूचित किया गया था। इन सभी पारा शिक्षकों का अनुमोदन पंजी प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी सह प्रखण्ड संसाधन केन्द्र समन्वयक गोमिया के कार्यालय में था। इसी पंजी में लगातार 2002 से 2009 तक के पारा शिक्षकों के चयन की अनुमोदन की सूची थी।
मौजूदा समय में पारा शिक्षक अपनी स्थाईकरण की मांग लेकर आन्दोलनरत हैं। यदि स्थाईकरण की प्रक्रिया शुरू होती है, तो इन पारा शिक्षकों के लिए परेशानी का सबब हो सकती है। संभवतः उनकी कार्यभार भी समाप्त की जा सकती है।
क्या कहते हैं, प्रभारी बीईईओ ?
इस पूरे मामले पर क्षेत्र शिक्षा पदाधिकारी सह प्रभारी प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी दिनेश मिश्रा ने बताया कि शिक्षा निदेशक के निर्देशन जरूरी अहर्ताएं वाले अभी कुल 249 पारा शिक्षकों का अनुमोदन पंजी तैयार है जिसे पोर्टल खुलते ही किसी भी क्षण ई-विद्या वाहिनी पोर्टल पर चढ़ाया जा सकता है। शेष बचे लगभग 304 पारा शिक्षकों का अनुमोदन पंजी को अगले उपायुक्त की बैठक के पश्चात उक्त पोर्टल पर अपलोड करा दिया जाएगा।
कहा कि पूरा मामला बेहद ही पेंचीदा होता जा रहा है जिस कारण पोर्टल में अपलोड संबंधित समस्याएं आ रही हैं।
बताया कि पहली समस्या है एज फैक्टर, अनुमोदन तिथि में जिनकी उम्र कम है उसका डेटा तो किसी भी हालत में अपलोड ही नहीं हो सकता है।
दूसरी बड़ी समस्या है ग्राम शिक्षा समिति द्वारा निश्चित वर्ष में निश्चित योग्यता पर चयनित पारा कार्य निर्वाह के दौरान भी कुछ शिक्षक (रेगुलर बेसिक) निरंतर अपनी योग्यता भी बढ़ाते रहे जो बिल्कुल असंभव है। बताया कि पूर्व में भी ऐसे शिक्षक विभाग से भुगतान लेते हुए धोखाधड़ी करते रहे हैं, जिनकी इस संबंध में पूर्व की कार्रवाई में सेवा भी समाप्त किया जा चुका है। ऐसी स्थिति में वे अब इस मामले में फूंक-फूंककर कार्रवाई करना चाहते हैं।
दूसरी ओंर एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा प्रखंड इकाई गोमिया के सैकड़ों पारा शिक्षकों ने बीआरसी कार्यालय से कुछ ही दूरी पर जुटकर अनुमोदन पंजी गायब होने के लिए बीआरसी के कर्मचारियों को जिम्मेवार ठहराते हुए जोरदार विरोध प्रदर्शन करने लगे। संबोधित करते हुए पारा संघर्ष समिति के संदीप प्रसाद ने कहा कि प्रखंड के सभी पारा शिक्षकों को अब तक मानदेय दिया जा रहा है इससे पता चलता है कि उनका अनुमोदन कार्यालय में जमा किया गया था। कहा कि अनुमोदन पंजी बीते 7-8 साल से गायब है। कहा कि पोर्टल पर सर्टिफिकेट अपलोड करने की निश्चित तिथि अंतिम मार्च में ही बीत चुकी है और किसी भी हालत में 249 पारा शिक्षकों का ई विद्या वाहिनी पोर्टल में डाटा अपलोड होना मंजूर नहीं है। कहा कि अगर डाटा अपलोड होगा तो सभी का होगा अन्यथा किसी का नहीं होगा। कहा कि अन्यथा बाध्य होकर हमे उग्र आंदोलन का रास्ता अख्तियार करना पड़ेगा। शिक्षकों ने अनुमोदन पंजी के गायब मामले में बीआरसी के कर्मचारियों व तत्कालीन प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी को जिम्मेदार ठहराया। कहा कि इससे पहले भी दो बार पारा शिक्षकों ने अनुमोदन संचिका (स्व अभिप्रमाणित विहित प्रपत्र) को कार्यालय में जमा किया बावजूद इसके ई विद्या वाहिनी वेबपोर्टल में चढ़ाकर ऑनलाइन नहीं किया जा सका। जबकि शिक्षा निदेशक शैलेश चौरसिया ने अपने ज्ञापंक पारा/27/33/2017/2160 में अस्पष्ट निर्देशित है कि 30 मार्च तक जमा करें अन्यथा पोर्टल पर सर्टिफिकेट अपलोड नहीं होने की स्थिति में अप्रैल से मानदेय का भुगतान रोक दिया जाएगा। कहा कि जब तक प्रभारी बीईईओ व प्रखंड शिक्षा समिति प्रखंड के सभी पारा शिक्षकों के संबंधित विपत्र व जरुरी कागजातों को ई पोर्टल में अपलोड करने का निर्णय नहीं लेती हम आंदोलित पारा शिक्षकों का विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। कहा कि यदि पारा शिक्षकों का नियोजन व मानदेय रुकती है तो उनका पूरा परिवार भूखों मारने कि स्थिति में सडक पर आ जाएगा और उसका जिम्मेदार प्रखंड प्रशासन होगा।
मौके पर बिपीन कुमार, राजकुमार, मो.परवेज, सुधीर कुमार आदि मौजूद थे।
इधर गोपनीय जानकारी मिली है कि आठ घंटे बाद देर रात धरने से उठे गोमिया विधायक कार्य प्रणाली एक बार पुनः लिखित आश्वासन से असंतुष्ट पारा शिक्षकों ने एक बार फिर आंदोलन का रास्ता अख्तियार करने का मन बना लिया है।
जिसे अब राजनीतिक रंगों के सहारे श्रेय लेने के लिए गोमिया विधायक एवं पूर्व विधायक के द्वारा सुलझाने का लगातार प्रयास किया जा रहा है।
राजनीतिकरण में अब थारा क्या होगा रे पारा... तालियां