गोमिया। आईईएल थाना क्षेत्र अंतर्गत बीडीओ रोड स्थित जेबीवीएनएल के गोमिया शाखा उपकेंद्र से महज 70 मीटर की दूरी पर 220 वोल्ट की पोल सपोर्टेड तार में करंट आने से गुरुवार को खटाल की 2 गाय की मौत हो गई। इस भयानक दृश्य को देखते हुए स्थानीय लोगों ने आनन फानन में इसकी सूचना बिजली उपकेंद्र को दिया और तत्काल लाइन काटने की बात कही, परंतु जब तक लाइन काटी गई तब तक दोनों गायों की मौत हो चुकी थी।
खटाल के भुक्तभोगी किसान मैनेजर यादव व चना यादव ने बताया कि गाय कर रही थी, प्रति गाय की कीमत 50-50 हजार रुपये है। दोनों गाय दुधारू है और उसकी मौत से आर्थिक क्षति पहुंची है। दोनों किसान मालिकों ने विद्युत विभाग पर कार्य निष्पादन हीनता व लापरवाही का आरोप लगाया है।
वहीं स्थानीय लोगों ने बताया कि विद्युत उपकेंद्र के परिसर सहित निकटवर्ती 100 मीटर के दायरे में बराबर बरसात में पानी भरा रहता है, लेकिन विद्युत विभाग के अधिकारी हमेशा मौन रहते हैं। बताया कि आज गायो की मौत हुई है उसका मुख्य कारण भी जल भराव ही है। जल भराव के कारण पोल सपोर्टेड तार तक करंट पहुंची और गायों की जान चली गई।
वहीं दूसरी ओर घटना बीडीओ रोड रिहायशी क्षेत्र में घटी है, गोमिया प्रखंड कार्यालय आने जाने का मुख्य रास्ता भी है, लगातार वाहनों का आना जाना रहता है, गनीमत रही आने जाने के क्रम में कोई व्यक्ति करंट के संपर्क में नहीं आया अन्यथा और बड़ी दुर्घटना हो सकती थी।
इसीप्रकार किसान ने बताया कि गायों के मरने उपरांत अधिकारियों को सूचना करने के बावजूद भी कुछ अधिकारी व बिजली विभाग के लोग फोन भी नहीं उठाते है, और न हीं हमारे आवेदन को रिसीव किया गया।
बताया कि मेंटेनेंस नहीं होने का एक कारण यह भी है कि मेन पावर की कमी के कारण स्थानीय निजी कंपनी के आगे हाथ फैलाना पड़ता है। बावजूद इसके विभाग द्वारा नित्य बिजली आपूर्ति बाधित होना भी आम बात है।
ग्रामीणों में बताया कि इसमें कहीं ना कहीं बड़े अधिकारियों की मिलीभगत से यह दृश्य देखने को मिलता है अगर बड़े अधिकारी अपनी ईमानदारी निष्ठा से काम करें तो लोगों को विश्वास है कि क्षेत्र जल भराव की समस्या नहीं होती।
बहरहाल घटना के बाद गांव के लोगों में काफी आक्रोश है वहां के लोगों को किसी प्रकार शांत कर कर अपने अपने घरों को भेज दिया अभी वहां पर दो गाय करंट के कारण मृत पड़े हैं। भुक्तभोगी द्वारा स्थानीय प्रशासन को सूचना दे दिया गया है।
इधर सक्षम पदाधिकारी से संपर्क न होने उपरांत मिले मीटर रीडर राजन यादव ने पत्रकारों को बताया कि इस दुर्घटना में किसी भी प्रकार से विद्युत विभाग दोषी नहीं है। बारिश के दौरान जानवर वहां तक किस परिस्थिति में पहुंचा और करंट कैसे लगा जांच का विषय है। बिजलीकर्मियों की टीम जांच में लगी हुई है।
इस बाबत अब देखना दिलचस्प होगा कि प्रशासन इस पर क्या कार्रवाई करता है क्या जल भराव के कारण यह घटनाएं दोबारा नहीं होगी इसके लिए विद्युत विभाग के अधिकारी क्या एक्शन लेते हैं।