गोमिया। गोमिया प्रखंड के अंतर्गत कई पंचायतों में पेंशन के लिए लोग अभी भी मुखिया के घरों के दरों का चक्कर लगाते-लगाते यही पूछते हैं कि आखिर कब तक मिलेगा पेंशन..?
गोमिया पलिहारी गुरुडीह पंचायत निवासिनी विधवा तजिंदर कौर का पति पिछले 15 वर्ष पूर्व परिवार को अनाथ व बेसहारा छोड़कर इस संसार से चला गया, परंतु अब तक इस विधवा महिला को उसके परिवार को चलाने के लिए सरकार की महत्वपूर्ण योजना विधवा पेंशन का लाभ नहीं मिला, क्योंकि इस ओर न तो पंचायत के मुखिया और न प्रखंड प्रशासन कभी झांकना उचित समझा। यही कारण है कि भूतपूर्व मुखिया के घर का चक्कर लगाते-लगाते नए नए मुखिया के घर के दर तक पहुंच गई, अब नए क्या कहें नए भी गए वाले स्थिति में हैं। तजिंदर इसी आस में की अब मुझे पेंशन मिलेगा। मार्मिक तजिंदर ने बताया कि पति के देहांत हुए 15 साल बीत गए उसकी उम्र अब 59 साल हो गई है, प्रशासन आपके द्वार, लेकर हर जनता दरबार मे दरबारियों के पास तरह हाजरी लगाई, दुखड़ा सुनाया, कई बार आवेदन पत्र भरे पर कुछ हल नहीं निकला। प्रखंड सह अंचल कार्यालय में दर्जनों अधिकारी आए-गए परंतु अभी भी तक पेंशन स्वीकृति की उम्मीद कम ही नजर आ रही है, क्योंकि अधिकारियों को गरीब विधवा को पेंशन राशि भुगतान कराने से कहीं ज्यादा क्षेत्र में चल रहे निर्माण कार्यों में ध्यान जाता है। यही वह मुख्य कारण है कि अधिकांश पंचायतों में पेंशन को लेकर हमेशा से यह समस्या बनी रहती है। जबकि सरकारें कोशिश करती हैं कि इस तरह का मामला प्रकाश में कम ही आए परंतु जब-जब उच्चाधिकारियों के दौरे हो जाएं या जिले के आला अधिकारियों का दौरा कार्यक्रम हो इसके अतिरिक्त पंचायतों में जन समस्या निवारण शिविर लग जाए तो पेंशन से जुड़ी कई आवेदन प्राप्त हो जाती है बरहाल जो भी हो सवाल यही उठता है कि इस बेसहारा तजिंदर कौर जैसी अन्य महिलाओं को पेंशन कब तक मिलेगा..?