गोमिया। गोमिया प्रखंड क्षेत्र में निरंकुश शासन और निरंतर हो रहे पलायन पर मौन प्रशासन के कारण पलायित मजदूरों की पलायन के दौरान मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। शुक्रवार को पुनः गोमिया में पेट की आग को बुझाने के लिए शुरू हुई सफर मंजिल मौत पर जाकर खत्म हो गई।
घटना गोमिया प्रखंड के बड़की सीधाबारा पंचायत अंतर्गत छोटकी सीधाबारा गांव में की है जहां भोला तुरी के पुत्र सुकेश्वर तुरी (38) क्षेत्र में रोजगार की अभाव मे पलायन को मजबूर हो गए। लिहाजा मुंबई में रहकर वहीं के एक निजी कंपनी ऑरीजिन इंटरप्राइजेज में मजदूरी करता था। मृतक के पिता भोला तुरी ने बताया कि सुकेश्वर तुरी मुंबई में लगातार 3 वर्षों से मजदूरी के रूप में कंपनी के मेस में खाना बनाने का कार्य करता था। उन्होंने बताया कि बीती रात कार्य के दौरान अचानक चेस्ट पेन से तबीयत बिगडा तो उसे ईलाज के लिए आनन-फानन में एक अस्पताल मे इलाज के लिए भर्ती कराने से पूर्व ही उसकी मौत हो गई।
बता दें कि गोमिया प्रखंड क्षेत्र में मनरेगा जैसी सरकार असफल योजनाएं संचालित हैं जो सशक्त रोजगार देने में असक्षम हैं। मजदूरों के मजदूरी भुगतान तक कई कई माह तक लंबित है। राज्य में कई फैक्ट्ररियां भी संचालित है इसके बावजूद भी सैकडों लोगों को रोजगार की चक्कर में अपने घर परिवार को छोड़कर अन्यत्र राज्यों व विदेशों मे पलायित होना पड़ता है। पलायन में कुछेक सही सलामत घर लौटते है और वही बाकी के तो अक्सर लाश हैं वापस लौटते है।
वहीं सुकेश्वर की मौत के बाद पत्नी कलावती देवी सहित परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। पत्नी ने बताया कि उसके चार बच्चे हैं जिसमें एक लड़की का विवाह हो चुका है। घर में एक बेटी सहित दो बेटे कुल तीन बच्चे हैं जिसके भरण-पोषण व लालन-पालन के लिए विकट समस्याएं उत्पन्न हो गई है। पत्नी से प्रशासन से इस ओंर पहल करते हुए सरकारी सुविधाओं और स्वरोजगार की मांग की है।