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"...जब मिन्नतें व आरजू कर टूटी आस, तो खुद खाली करने लगे आवास" कहा- कुछ लोग आवासीय क्वार्टरों की खरीद बिक्री करने में लगे हैं उन पर प्रशासन का डंडा नहीं चल रहा लेकिन गरीब गुरबों को निशाना बनाकर साजिशन उन्हें नोटिस देकर आवास छीना जा रहा है

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गोमिया। ...जब मिन्नतें व आरजू कर टूटी आस, तो खुद खाली करने लगे आवास। जी हां ये दास्तां है झारखंड राज्य आवास बोर्ड के आईईएल गोमिया स्थित आवासीय कॉलोनी वासियों की जिन्हें हाई कोर्ट के फैसले के बाद प्रशासन द्वारा 22 जून को बेघर करने का अल्टीमेटम दिया गया है। 22 जून से पूर्व आवासीय क्वार्टरों को खाली करने के प्रशासन के निर्देश के बाद मंगलवार को कुछ परिवार आवास छोड़कर अन्यत्र जाते दिखे कोई चार पहिया मालवाहक वाहनों में घरेलू सामानों को लोड कर चलते बने तो कुछेक गरीब परिवार ठेले पर सामानों को लादकर अन्यत्र जाते दिखाई दिए। कॉलोनीवासी बताते हैं कि छत बचाने की फरियाद लिए कोई ऐसा जगह नहीं बचा जहां वे नहीं पहुंचे। शासन से लेकर प्रशासन तक गुहार लगाई सभी ने उच्च न्यायालय का आदेश बताकर कन्नी काट ली। वहीं बारिश में ठेले पर सामानों को लादकर जा रही महिला रेणु देवी ने बताया कि प्रशासन का डंडा भी ऐसे वक्त में चला है कि आगे कुआं पीछे खाई वाली स्थिति है। बारिश का मौसम है और प्रशासन की दबिश के बाद छत से भी हाथ धोना पड़ा है। बताया कि बरसात के मौसम में किराए का मकान भी नहीं मिल रहा है मजबूरन सड़कों के फुटपाथ व स्टेशन का सहारा लेना पड़ेगा। कुछ लोग जो आवास बोर्ड के क्वार्टरों को किराए पर लगा रखे हैं, कुछ लोग खरीद बिक्री करने में लगे हैं उन पर प्रशासन का डंडा नहीं चल रहा लेकिन गरीब गुरबों को निशाना बनाकर साजिशन उन्हें नोटिस देकर आवास छीना जा रहा है। बताया कि उनके दो बच्चे हैं जो कक्षा नवम और दशम में पढ़ते हैं इस बारिश में उन्हें भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसीप्रकार अन्यत्र शरण लेने चार पहिया मालवाहक वाहन में अपने सामानों को लादकर जा रही महिला चंपा देवी ने बताया कि वे यहां बीते 25 सालों से निवास कर रही थी अब प्रशासन के निर्देश के बाद वे मकान खाली कर रही है। बताया कि किराए का मकान भी नहीं मिल रहा है वे सिर्फ इसलिए घरेलू सामानों को दूसरे के मकान में रखने जा रही हैं। ताकि प्रशासन के द्वारा मारपीट या जबरजस्ती न सहन करना पड़े। बताया कि अब तक सम्मानजनक जिंदगी व्यतीत करती आई हैं प्रशासन की कार्रवाई वे बर्दास्त नही कर सकेंगी इसलिए वे घर छोड़कर जा रही है। बता दें कि मंगलवार सुबह सैकड़ों की संख्या में गोमिया आवासीय कॉलोनीवासी बसों व चार पहिया वाहनों सहित मोटरसाइकिलों से गोमिया के पूर्व विधायक योगेंद्र प्रसाद के आवास भी गए थे। सूत्र बताते हैं कि वहां भी निराशा हीं हाथ लगी। जिसके बाद कुछ लोगों द्वारा आवास खाली किया जा रहा है। अतिक्रमण मामले में प्रशासनिक स्तर की कार्रवाई 22 जून (बुधवार) को होनी है।



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