जंगली हाथियों के झुंड ने उत्क्रमित मध्य विद्यालय तिलैया और आंगन बाड़ी केंद्र तिलैया को बनाया निशाना, तिलैया के ग्रामीण हाथियों के गर्जना और कचिया मकानों पर हो रहे हमले से हो रहे भयभीत, वन विभाग खामोश
गोमिया। गोमिया प्रखंड के तिलैया गांव में बीती रात एक बार फिर से जंगली हाथियों ने जमकर उत्पात मचाया है। इस बार झुंड से बिछड़े दो जंगली हाथियों ने गांव के बाहर स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय तिलैया और आंगन बाड़ी केंद्र तिलैया को निशाना बनाया है। जहां स्कूल के मेन गेट को तोड़कर हाथी अंदर घुसकर कई कमरों के दरवाजे व खिड़की को तोड़ डाला है, वहीं लाइब्रेरी, किचन के सेड सहित कई अन्य महत्वपूर्ण कागजातों को भी नुकसान पहुंचाया है। हाथियों ने स्कूल से सटे आंगन बाड़ी केंद्र पर भी हमला बोला दरवाजे के लॉक को नुकसान पहुंचाया है।
स्कूल के प्रधानाध्यापक दिनेश कुमार महतो ने गुरुवार को स्कूल ऑवर में बताया कि हाथियों ने सर्वप्रथम स्कूल के मेन गेट को तोड़ा फिर स्कूल के लाइब्रेरी हॉल व किचन को निशाना बनाकर नुकसान पहुंचाया है। बताया कि विस्तृत रिपोर्ट गोमिया बीआरसी में आरईओ सह प्रभारी बीईईओ दिनेश मिश्रा को दिया गया है।
संबंधित पंचायत के निवर्तमान मुखिया बालेश्वर महतो ने बताया कि स्कूल व आंगनबाड़ी में उत्पात मचाने के बाद दोनों हाथी गांव की ओर गए परंतु कर्मा त्योहार होने के कारण देर रात तक तैयारी में जुटे ग्रामीणों ने हाथियों की गर्जना सुनकर पहले से सतर्क हो गए और सुरक्षित स्थान पकड़ लिया। जिससे ज्यादा नुकसान नहीं हुआ। बताया कि अनाज की तलाश में मध्य रात्रि हाथियों ने गांव के कुछ किसानों ब्रज भूषण महतो, दीपक मोहली सहित रौशनलाल महतो के खेत बारी में लगे फसलों मकई, मिर्चा, बैगन सहित बरई की फसल को नुकसान पहुंचाया, एक छप्पर के मकान को क्षतिग्रस्त किया तथा एक अन्य किसान के बारी की चारदीवारी को गिरा दिया।
बता दें कि दो दिनों के अंतराल में हुए हाथियों द्वारा दूसरी घटना ने वन विभाग द्वारा जंगली हाथियों के झुंड को क्षेत्र से भगा दिए जाने की दावों की पोल खोल दी है। स्थानीय मुखिया ने कहा कि विकट परिस्थितियों में वन विभाग का कोई अधिकारी व जवाबदेह पदाधिकारी गांव तक नहीं पहुंचा है।बताया कि पिछले दो दिन पूर्व भी जंगली हाथियों ने लावागढ़ा, तिलैया तथा डाकासाडम गांव में हमला कर उत्पात मचाते हुए किसानों की फसलों व मकान को नुकसान पहुंचाया था। जिसके बाद पूछे जाने पर वन विभाग द्वारा जंगली हाथियों को रामगढ़ जिला के रजरप्पा की ओर खदेड़ देने की बात कही गई थी।