पत्रकारों से दूरी बनाते हुए गोमिया प्रखंड शिक्षा समिति की बैठक आयोजित, पारा शिक्षकों का डेटा ई-विद्या वाहिनी पोर्टल में अपलोड नहीं होने को लेकर बीआरसी कार्यालय में आयोजित थी बैठक
गोमिया। गोमिया प्रखंड शिक्षा समिति की बैठक गोमिया बीडीओ की अध्यक्षता में शनिवार को बीआरसी के कार्यालय कक्ष में संपन्न हुई। बैठक में मुख्य रूप से गोमिया विधायक डॉ. लंबोदर महतो, क्षेत्र शिक्षा पदाधिकारी सह प्रभारी बीईईओ गोमिया दिनेश मिश्रा सहित गोमिया सीओ संदीप अनुराग टोपनो उपस्थित थे। सबसे दिलचस्प बात यह है कि इस बैठक से पूर्ण रूप से प्रेस व पत्रकारों को दूर रखा गया।
बैठक समाप्तिपरांत निकले गोमिया विधायक ने बताया कि प्रखंड के 550 पारा शिक्षकों को ई-विद्या वाहिनी पोर्टल में डेटा अपलोड करने को लेकर विचार विमर्श हुआ। अनुमोदन पंजी नहीं रहने के कारण पारा शिक्षक असमंजस की स्थिति में थे। परंतु कुछेक पारा शिक्षकों को छोड़कर 429 पारा शिक्षकों का अनुमोदन प्रतिलिपि प्राप्त हुआ है जिनका 25 सितंबर तक ई-विद्या वाहिनी पोर्टल में डेटा अपलोड किया जाए। शेष बचे 121 पारा शिक्षकों के अनुमोदन पंजी नहीं रहने के आभाव में पोर्टल में डेटा अपलोड लंबित है।
चास थाना में है अनुमोदन पंजी
बताया कि पूरे प्रकरण में ई-विद्या वाहिनी पोर्टल में डेटा अपलोड से वंचित 121 पारा शिक्षकों की अनुमोदन पंजी चास थाना में है। उक्त अनुमोदन रजिस्टर जो चास थाना में पड़ा हुआ है उसे वहां से कोर्ट ऑर्डर लेकर मूल व अभिप्रमाणित प्रति निकालने का निर्देश प्रभारी बीईईओ को दिया गया है। जैसे ही पंजी प्राप्त होती है बचे पारा शिक्षकों को भी पोर्टल में डेटा अपलोड कर दिया जाएगा।
एक अनुमोदन पंजी मौजूद
गोमिया विधायक डॉ. लंबोदर ने बताया कि वर्ष 2002 से वर्ष 2021 की बीच कई बार पारा शिक्षकों का चयन व नियुक्ति प्रक्रिया की गई लेकिन इन 19 वर्षों में केवल एक अनुमोदन पंजी ही मूल रूप में मौजूद है। बताया कि एक चास थाना में रखा अनुमोदन पंजी को भी जोड़ दिया जाए तो भी कई मूल पंजी कार्यालय से गायब हैं। बताया कि तत्काली जो भी पदाधिकारी रहे हैं जिनके समय का मूल पंजी गायब है उन्हें चिन्हित करके उसके खिलाफ मामला दर्ज कराया जाएगा।
वो सब ठीक है लेकिन सवाल है..!!
आखिर प्रखंड शिक्षा समिति की बैठक में पत्रकारों से दूरी क्यों ?
क्या 2020 से गोमिया प्रखंड पारा शिक्षकों का चर्चित नेता द्वय द्वारा अपने स्वार्थ के लिए राजनीतिक शिकार बनाया जा रहा है ?
अनुमोदन रजिस्टर गायब होना एकाएक उसकी नकल कॉपी निकल आना, हो क्या रहा है ?
क्या निकट भविष्य में सरकार पारा की सेवा समाप्त नहीं होगी, या पोर्टल विवाद सुलझा लिया जाएगा, ऐसी भी कोई गारंटी दी जाएगी ?
फिर वही सवाल आखिर पत्रकारों से दूरी क्यों ?
ऐसे और भी सवालात है जो आगे भी उठते रहेंगे..?