गढ़वा : विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर आयोजित इस विचार गोष्ठी में बढ़ते वैश्विक तापमान और गढ़वा के पर्यावरण पर चिंता जाहिर करते हुए, व्यक्तिगत प्रयासों की आवश्यकता पर विशेष जोर दिया गया। इस कार्यक्रम में वृक्षारोपण, एसी का कम उपयोग, जल संरक्षण, पॉलिथीन उन्मूलन और जन जागरूकता जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की गई।
लोगों ने यह भी सुझाव दिया कि पर्यावरण परिवार द्वारा एक वार्षिक कैलेंडर बनाया जाए ताकि पूरे साल पर्यावरण को सुधारने के लिए विशेष गतिविधियां आयोजित की जा सकें। वक्ताओं ने यह भी कहा कि पर्यावरण के मुद्दों को राजनीतिक एजेंडा में शामिल करना अत्यंत आवश्यक है और गढ़वा के राजनेताओं से इस दिशा में ठोस कदम उठाने की अपील की गई।
इस सकारात्मक वातावरण में आयोजित विचार गोष्ठी में अनिल सोनी जी की भूमिका अत्यंत सराहनीय रही, जिन्होंने न केवल परिसर उपलब्ध कराया बल्कि अपना समय भी दिया। मुनमुन बाबू के योगदान से कार्यक्रम और भी प्रभावशाली बना। कार्यक्रम का संचालन शिक्षक मनोज द्विवेदी ने और धन्यवाद ज्ञापन शिक्षक प्रेम कुमार तिवारी ने किया।
उपस्थित प्रमुख व्यक्तियों में विनोद पाठक, एस एन पाठक, सुनील दुबे, अमित शुक्ला, शैलेश तिवारी, सुरेश मानस, दिलीप श्रीवास्तव, प्रदीप श्रीवास्तव, प्रो. कमलेश सिन्हा, देवराज उपाध्याय, अन्नु दुबे, बबलू दुबे, विपिन तिवारी, गौतम ऋषि, नमस्कार तिवारी, डा. पतंजलि केशरी, रमाशंकर चौबे, दिलीप पाठक, अलख द्विवेदी, श्रीराम धर दुबे, अनीत तिवारी, नितिन कुमार तिवारी, दिनेश चौबे, मनोज पाठक, दिवाकर तिवारी, चंद्र देव सिंह, नीरज श्रीधर आदि शामिल थे।
इस गोष्ठी का निष्कर्ष यह रहा कि आने वाले समय में पर्यावरण के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाने और उसे सुधारने के लिए समर्पित प्रयास किए जाएंगे।