गढ़वा : निर्वाचन आयोग का सी-विजिल ऐप चुनाव के दौरान आदर्श आचार संहिता से जुड़ी शिकायतों के लिए उपयोग में लाया जाता है। इस चुनाव में गढ़वा में सी-विजिल ऐप बहुत प्रभावी साबित भी हुआ, यहां पूरे राज्य भर में सी-विजिल का सबसे अधिक प्रयोग हुआ। बड़ी संख्या में प्राथमिकी भी दर्ज की गईं। इस ऐप में मिली शिकायत की सत्यता के बाद दंडात्मक कार्रवाई होती है। किंतु मतदान दिवस पर इस ऐप में आई एक शिकायत पर कार्रवाई की बजाय मदद पहुंचाई गई।
क्या है मामला :
दरअसल गढ़वा के छतरपुर पंचायत के निवासी श्री उपेंद्र कुमार ने दोपहर लगभग 3 बजकर 10 मिनट पर सी-विजिल में एक शिकायत डाली कि बुजुर्ग माता जी को वोट दिलवाने के लिए उन्हें निर्वाचन आयोग से वाहन मिलना चाहिए था।
शिकायत देखने के उपरांत निर्वाची पदाधिकारी सह अनुमंडल पदाधिकारी संजय कुमार को कुछ देर के लिए लगा कि यह
सक्षम ऐप से जुड़ा हुआ मामला है यह आचार संहिता के उल्लंघन वाले एप्लीकेशन में कैसे आ गयी। उन्होंने तुरंत शिकायतकर्ता को फोन लगाया और सत्यापित किया कि शिकायतकर्ता फेक ना होकर वास्तविक है।
उन्होंने तत्काल उस ऐप पर शिकायत को यह टिप्पणी लिखते हुए निस्तारित कर दिया कि यह मामला आचार संहिता उल्लंघन का नहीं है, इसलिए शिकायत को ड्रॉप किया जाता है। किंतु इस बीच में उन्हें यह भी लगा कि भले ही यह आचार संहिता उल्लंघन का मामला नहीं है किंतु शिकायतकर्ता को उनकी मदद की जरूरत तो है । यही सोचकर 2 मिनट के बाद ही उन्होंने अंचल अधिकारी गढ़वा को पूरी वस्तुस्थिति बताते हुए निर्देश दिया कि उक्त परिवार के पास वाहन पहुंचा कर उनका मतदान करवाना सुनिश्चित करें।
अंचल अधिकारी के समन्वय से पंचायत सचिव श्री प्रभाकर चतुर्वेदी ने उनके घर वाहन ले जाकर ससम्मान माताजी को मध्य विद्यालय चिरोंजिया स्थित उनके मतदान केंद्र तक लाकर छोड़ा, वहां स्कूल में मौजूद व्हीलचेयर पर बैठाकर लगभग 4:00 बजे उनका मतदान संपन्न करवाया और उसी सम्मान के साथ उन्हें वापस उनके घर छोड़ा गया। इस पूरे घटनाक्रम में लगभग एक घंटे का समय लगा। इस त्वरित मदद से माता जी और उनके परिजन काफी खुश हुए।
संजय कुमार ने कहा कि यह सी-विजिल ऐप का गढ़वा में व्यापक प्रचार प्रसार का परिणाम है कि इसकी मदद से लोगों ने न केवल आचार संहिता उल्लंघन के मामलों की शिकायतें कीं बल्कि मदद के लिए भी इस ऐप का उपयोग किया। जबकि मदद संबंधी उद्देश्य के लिए आयोग के दूसरे मोबाइल एप्लीकेशन मौजूद हैं।