गढ़वा प्रखंड के वार्ड सदस्य का मासिक भत्ता मात्र 10% लोगों को मिला है, 90% वार्ड सदस्य को नहीं मिला
गढ़वा : वार्ड सदस्यों का चुनाव हुए 2 वर्ष बीतने के बाद भी वार्ड सदस्यों को सरकार शासन-प्रशासन के द्वारा शोषण किया जा रहा है। वार्ड सदस्य संघ के द्वारा प्रखंड विकास पदाधिकारी, उप विकास आयुक्त, उपायुक्त को मांग पत्र देने के बावजूद भी कोई सुनने वाला नहीं है। आज गढ़वा जिला के सभी पंचायत में हर घर नल-जल योजना, मनरेगा सिंचाई कुप, अबुआ आवास अधर में लटका हुआ है। सरकार स्थानीय प्रतिनिधि वार्ड सदस्यों को अनदेखा कर हर योजना को सभी विभागीय अधिकारी के द्वारा लीपा-पोती किया जा रहा है
स्थिति यह है कि कोई भी काम सही से नहीं हो रहा है।
इस गर्मी के समय में नल-जल योजना पदाधिकारी-ठेकेदार के उदासीन रवैया के कारण ठंडा बस्ती में पड़ा है। मनरेगा में योजनाएं ठेकेदार और मुखिया पंचायत सचिव प्रखंड विकास पदाधिकारी के कब्जे में है। जरूरतमंदों को नहीं मिलता है क्योंकि योजना लेने के लिए मोटा रकम का चढ़ावा चढ़ाना पड़ता है।
ग्राम सभा /कार्यकारिणी का कोई जरूरत नहीं और कोई भी पंचायत में यदि सभा होता भी है तो पुस्तिका पंजी बंद नहीं किया जाता है। अपने मन से जिस योजना में पंचायत सचिव और मुखिया का लाभ हो, उस योजना को बाद में लिख लेते हैं। जबकि वार्ड सदस्य कार्यकारिणी और ग्राम सभा के लिए ही चयनित किए जाते हैं।
वार्ड सदस्यों ने कहा कि वे इससे मर्माहत हैं और सरकार से गुहार लगाते हैं कि हम सभी वार्ड सदस्यों को संविधान के तहत जो वार्ड सदस्यों का अधिकार है, वह लागू किया जाए।