गढ़वा : अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई), शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार ने सत्र 2024-25 से बाबू दिनेश सिंह विश्वविद्यालय, गढ़वा को इंजीनियरिंग एवं टेक्नोलॉजी, प्रबंधन एवं कंप्यूटर संकाय अंतर्गत कई माध्यमों की स्वीकृति प्रदान कर दी है। बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी (बीटेक) के अंतर्गत स्नातक विषयों में आर्टिफीसियल इंटेलीजेंस, सिविल इंजीनियरिंग, कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग, साइबर सिक्यूरिटी, इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग एवं डिप्लोमा इन इंजीनियरिंग में सिविल इंजीनियरिंग, कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग एंड मैकेनिकल इंजीनियरिंग के साथ ही प्रबंधन पाठ्यक्रम में बीबीए, एमबीए सहित कंप्यूटर एप्लीकेशन में स्नातक में बैचलर ऑफ़ कंप्यूटर एप्लीकेशन (बीसीए) एवं स्नातकोतर में मास्टर ऑफ़ कंप्यूटर एप्लीकेशन (एमसीए) पाठ्यक्रम की पढ़ाई की अनुमति दी गई है।
झारखण्ड राज्य का यह पहला निजी विश्वविद्यालय है जिसे अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद द्वारा सत्र 2024-25 के लिए सभी पाठ्यक्रमों को मिलाकर 1200 सीटो पर नामांकन के लिए अनुमति प्रदान की गई है।
बता दें कि बाबू दिनेश सिंह विश्वविद्यालय विधेयक, 2022, दिनांक 17 फरवरी 2023 को झारखण्ड सरकार द्वारा अधिसूचित होने के बाद बाबू दिनेश सिंह विश्वविद्यालय (बीडीएसयू) अस्तित्व में आयी। इसके पूर्व वनांचल एजुकेशनल एंड वेलफेयर ट्रस्ट द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में विभिन्न विश्वविद्यालयो से संबद्धता प्राप्त कर कई पाठ्यक्रमो का संचालन गत 18 वर्षो से किया जा रहा है। बाबू दिनेश सिंह विश्विद्यालय द्वारा गढ़वा जिला एवं पलामू प्रमंडल के छात्र-छात्राओं के लिए विश्वविद्यालय स्तर पर गुणवतापूर्ण शिक्षा एवं रोजगारोन्मुखी बेहतर शिक्षा के लिए विश्वविद्यालय के संस्थापक कुलाधिपति एवं वनांचल एजुकेशनल एंड वेलफेयर ट्रस्ट के अध्यक्ष दिनेश प्रसाद सिंह के दूर दृष्टि का ही परिणाम है कि आज डेंटल परिसर एक विश्वविद्यालय के आकार में स्थापित होकर उच्च एवं तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में अमूल्य योगदान प्रदान कर रही है।