स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़ : नंदीग्राम के तर्ज पर बंगाल ने गद्दारों को नकार दिया है। हालांकि ममता बनर्जी नंदीग्राम में सुभेंदु अधिकारी के खिलाफ चल रही है, वही डोमजूर में राजीब बनर्जी, रायडीघी में संतनु बापुली, उत्तरपारा में प्रबीर घोषाल जैसे अधिकांश बारी-बारी से टीएमसी के खिलाफ हार रही है। राजनीतिक विश्लेषकों ने दावा किया कि सत्ता पर काबिज हिने के लिए बेताब, बीजेपी ने राजीव बैनर्जी, सुभेंदु अधिकारी जैसे तृणमूल से भाजपा में आये नेताओ पर बहुत भरोसा किया था। चुनावों ने साबित कर दिया कि सुभेंदु, राजीब और अन्य टीएमसी नेता कागज़ के शेर हैं। वे ममता बनर्जी की छत्रछाया में फलते और फूलते थे। राजनीतिक विज्ञान के वरिष्ठ प्रोफेसर सुनील कुमार ने कहा, 'जिस पल ममता ने अपना आशीर्वाद वापस ले लिया, वे धूल फांक रहे थे।' बीजेपी के अंदरूनी सूत्रों ने यहां तक दावा किया कि बनर्जी और सुभेंदु ने अपने सहयोगियों के लिए टिकट के लिए सौदेबाजी भी की, जिनमें से अधिकांश हस्टिंग पर टूट पड़े थे।