जब हम कोई भी समान खरीदने जाते हैं तो बाजार में घूम कर उसका मोल - भाव पता कर लेते हैं और जहां अच्छा और सस्ता सामान मिलता है वहां सामान खरीदते हैं। जब बेटी या बेटे का रिश्ता करने जाते हैं तो पढ़ा लिखा घर परिवार ढूंढते हैं। परंतु जब हम 5 साल के लिए अपना वार्ड , अपना पंचायत अपना जिला अपना राज्य और अपना देश किसी को चलाने के लिए देने जाते हैं तो बिना जांचे परखे वोट दे देते हैं। ये भी नही जांचते हैं कि प्रत्याशी पढ़ा लिखा है या अनपढ़ है। शरीफ है या बदमाश है। चोर है या डकैत है। बलात्कारी है या भ्रष्टाचारी है। शराबी है या तड़ीपार है। ईमानदार है या बेईमान है। जनता का एक गलत वोट की वजह से खराब प्रत्यासी चुनाव जीतकर आ जाता है और वो जनता को 5 साल तक दीमक की तरह धीरे धीरे खाकर अंदर से बिल्कुल खोखला कर देता है। 5 साल में उसके द्वारा किये गए विनाश को ही जनता विकास समझने लगती है। 5 साल में जनता इतना बेबस और लाचार हो जाती है कि चाहकर भी कुछ नही कर पाती है।अगर जनता कुछ करना भी चाहे तो उल्टा सरकार उसे ही फर्जी केस में या देश द्रोह के केस में फंसा कर जेल में डाल देती है। अब जमाना बदल रहा है पर लोगों की सोच कोसो दूर कहीं रास्ता भटक चुकी है। उसे सही और गलत में फर्क समझ में नही आ रहा है। तभी तो कुछ लोग बलात्कारियों को सजा दिलाने के बजाए उनके सपोर्ट में रैली निकाल रहे हैं, उनके सपोर्ट में तिरंगा यात्रा निकालते हैं। इतना ही नहीं भ्रष्टाचारी नेता और मंत्री लोग दोषियों से मिलने जेल भी पहुंच जा रहे हैं। उनके रिहाई पर उन्हें माला पहनाकर स्वागत किया जा रहा है। इन भ्रष्टाचारी नेताओं और मंत्रियों का ही देन है कि देश मे तिरंगा फहराने से ज्यादा शहिद जवानों की लाशों को ढकने का काम हो रहा है। बेटी पढ़ाव बेटी बचाव का नारा देने वाले आज उनके बलात्कारियों और दोषियों को बचाने में लगे हैं।
अगर अब भी जनता नही जागी तो बहुत देर हो जाएगी । उठो और अपने अधिकार को जानो जो हमे संविधान ने दिया है। और प्रण करो कि आने वाले चुनाव में ऐसे पाखंडी , बलात्कारी,और भ्रष्टाचारी नेताओं को हम अहिंसा का पाठ पढ़ा कर रहेंगे। दूध में पड़ी मक्खी की तरह बाहर निकालकर रहेंगे। एक बात जान लीजिए नेता और मंत्री जनता से हैं जनता उनसे नहीं बनी है । जिस दिन जनता ये ठान लेगी उस दिन इन पाखंडी , ढोंगी, बलात्कारी, भ्रष्टाचारी नेताओं को जड़ से उखाड़ फेंकेगी। जहां में उनका नामों निशान भी नहीं रहेगा। आज भी समाज मे पढ़े लिखे लोग हैं आज भी बुद्धिजीवी लोग हैं जो समाज मे हो रहे अन्याय के खिलाफ़ आवाज उठा रहे हैं। हमलोगों को अन्याय के खिलाफ मिलजुलकर कदम से कदम मिलाकर आवाज उठाना चाहिए। इतिहास दोहराता है ये तो हमलोग बखूबी जानते हैं।
कल किसी और कि बेटी बहन के साथ बलात्कार हुआ है और कुछ लोग उस दरिंदे को बचाने के लिए रैली निकाल रहे हैं पंचायत बैठा रहे हैं और यहां तक कि जेल में उनसे मिलने भी जा रहे हैं। तो लानत है ऐसे लोगों पर और उनकी जिंदगी पर। अगर यही हाल रहा इस देश का हम ये जान लें कि ऐसा करने से अपराधियों का मनोबल कमजोर होने के बजाए मजबूत होगा। कल जो काम वो चोरी- छिपे करते थे आने वाले दिनों में वो खूलेआम करने लगेंगे। अगर आज हमलोग और सरकार ने बलात्कारियों, भ्रष्टाचारियों,पाखंडी और ढोंगी नेताओं और दोषियों के खिलाफ कड़ा एक्शन नहीं लिया तो ये लोग सरकार और जनता को हाँथ की कठपुतली बना देंगे और जब चाहे जैसे चाहें वे अपने इशारों पर सरकार और जनता को नचाएंगे।
आये दिन रोज नए नए कानून बन रहे हैं। परन्तु बलात्कारियों के लिए सरकार कब कानून बनाएगी। कहीं सरकार ऐसे तो नहीं सोच रही अगर हम बलात्कारियों के खिलाफ कानून बनाएंगे तो आधे से ज्यादा नेता और मंत्री कानून के गिरफ्त में चले जायेंगे।
हम सभी जनता की ओर से सरकार से दरख्वास्त है कि जल्द से जल्द बलात्कारियों के खिलाफ कानून बनाये ताकि उन्हें कड़ी से कड़ी सजा मिल सके और पीड़िता को न्याय मिल सके।
आखिर में सभी जनता से अनुरोध है कि अपने वोट की कीमत को जाने और एक ईमानदार, पढ़ा लिखा और स्वक्ष प्रत्यासी को ही अपना वोट दें।👏👏