कोरोना महामारी के बीच अनुमंडल अस्पताल तारापुर का ब्लड बैंक सूख गया है। पिछले लगभग आठ माह से अस्पताल के ब्लड स्टोरेज बैंक में रक्त की उपलब्धता शून्य है। इस अस्पताल में हर दिन दो से तीन यूनिट विभिन्न ग्रुप के खून की आवश्यकता प्रसव मरीज व सामान्य मरीजों को पड़ती है।
अस्पताल में खून की उपलब्धता नहीं होने पर परिजनों को बाहर चक्कर काटना पड़ता है। इधर ब्लड की आवश्यकता वाले मरीज को डा. बेहतर इलाज के लिये भागलपुर रेफर कर देते हैं। ब्लड बैंक की देखरेख के लिये एक लैब तकनीशियन को लगाया गया है। अनुमंडल अस्पताल होने की वजह से पड़ोसी जिला क्षेत्र के भी काफी मरीज यहां इलाज कराने पहुंचते हैं। सामान्य दिनों में यहां हर दिन की ओपीडी लगभग 300 से अधिक होती थी। कोरोना के दौर में भी ओपीडी लगभग 200 से 250 तक पहुंच हो रही है। इसमें कुछ ऐसे मरीज भी होते हैं जिनको इलाज के दौरान खून की जरूरत पड़ती है। ब्लड स्टोरेज बैंक में ब्लड नहीं रहने से सबसे ज्यादा परेशानी वैसे प्रसव मरीजों को होती है जिसका हिमोग्लोबिन कम होता है।हिमोग्लोबिन कम वाले प्रसव मरीजों का रक्त के अभाव में ऑपरेशन कर प्रसव कराने में चिकित्सक खुद को बेबस महसूस करते हैं।और इन्हें बेहतर ईलाज के लिये भागलपुर रेफर कर देते हैं। बता दें कि इस प्रकार के दो प्रसव रोगी जिन्हें प्रसव के दौरान ऑपरेशन करने में रक्त की आवश्यकता थी, को भागलपुर रेफर किया गया था। जिनकी मौत रास्ते में ही हो गई।