स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़: भारत में वाम आंदोलन के सबसे बड़े नेताओं में से एक और पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री, ज्योति बसु ने 1977 से 1996 तक रिकॉर्ड पांच बार इस विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया था। वाम के इस किले को 2001 में टीएमसी को बहुचर्चित युवा नेता सोनाली गुहा ने धवस्त कर दिया था। गुहा पिछले बीस सालो से इस सीट कब्ज़ा जमाये बैठी है लेकिन दुर्भाग्य से उनकी पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया। यह शहरी-ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र शहर के दक्षिणी पश्चिमी बाहरी इलाके में है। कभी कृषि उत्पाद के लिए जाना जाने वाला सतगछिया में आज रिसॉर्ट्स, उद्यानों, कारखाने के शेड और निर्माण कार्य का अधिपत्य है। सतगछिया के दौरे से पता चलता है कि पिछले कुछ वर्षों में हाउसिंग कॉम्प्लेक्स, शॉपिंग मॉल और बंगले तेजी से बढ़े हैं। बीजेपी के चंदन पॉल ने आरएसएस में युवावस्था से ही अपनी राजनीति शुरू कर दी थी। एक व्यवसायी, वह क्षेत्र में एक लोकप्रिय व्यक्ति है। टीएमसी से उनके प्रतिद्वंद्वी मोहन नस्कर एक अनुभवी राजनेता हैं। लेकिन सत्तारूढ़ पार्टी को पूर्व विधायक सोनाली गुहा के वफादार एक वर्ग के साथ पार्टी के समर्थको की अंतर कलह है, जो नस्कर की हार सुनिश्चित करने के लिए ओवरटाइम कर रहे है। जैसे जैसे चुनाव नज़दीक आ रहा है और प्रचार के दिन बीतने के साथ, पॉल अपने प्रतिद्वंद्वी से आगे निकल रहे है। सतगछिया 6 अप्रैल को लाख टके के सवाल के साथ चुनाव में जायेगा क्या इस साल बीजेपी बदलाव ला पायेगी या सतगछिया के लोग तृणमूल के प्रति अपना विश्वास कायम रखेंगे।