स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़ : दक्षिण 24 परगना के बिश्नुपुर और पेलन इलाकों में साइकिल से घूमते हुए राजनीति करने वाले एक छोटे से स्थानीय कार्यकर्ता थे। ममता बनर्जी के सत्ता में आने के बाद, उनके कद में लगातार वृद्धि हुई और उन्होंने खुद को एक बाहुबली राजनेता में बदल दिया। उन्होंने सारदा घोटाले के किंगपिन सुदीप्ता सेन के साथ घनिष्ठा बनाई, जहां से उन्होंने पैसा बनाने का अपना पहली बार स्वाद चखा। स्थानीय का दावा है कि तब से बिष्णुपुर के इस तृणमूल विधायक दिलीप मंडल ने पीछे मुड़कर नही देखा। एक मामूली घर से एक महलनुमा इमारत तक, जो व्यक्ति एक साधारण नौकरी पर निर्भर था, वह रातोरात क्षेत्र इलाके का बाहुबली बन गया। बिष्णुपुर विधानसभा क्षेत्र के दौरे से पता चलता है कि मंडल के हुक्म के बिना इस क्षेत्र में पत्ता भी नहीं हिलता। यह आरोप लगाया गया है कि स्थानीय बिष्णुपुर पुलिस स्टेशन के अधिकारी उनके इशारो पर नाचते हैं। कोलकाता के क्षेत्रों की सीमा से लगे विधानसभा क्षेत्र में पिछले एक दशक में निर्माण और आवास में उछाल देखा गया है। पुराने कार्यकर्ताओं की माने तो कृषि भूमि में परिसरों, रिसॉर्ट्स और गेटेड हाउसिंग समुदायों के बिना रोकटोक निर्माण किया गया है। बिष्णुपुर में कुछ कारखाने थे, लेकिन उनमें से ज्यादातर व्यवसाय कमी और अवैध वसूली के कारण COVID19 से पहले और बाद में बंद हो गए। लेकिन मंडल फल फूल रहे है, उसकी अकूत सम्पति में हर दिन बढ़ोतरी हुई है। अफवाह यह है कि वह सुप्रीमो के परिवार से अच्छी तरह से जुड़े हुए है और कोई भी उन्हे छू नहीं सकता है। हालांकि यह पहली बार है जब मंडल के कड़ी टक्कर का सामना कर रहा होगा। उसकी प्रतिष्ठा दांव पर है और व्यापक रूप से उनके खिलाफ असंतोष है। मंडल ने सभी आरोपों को 'विपक्ष द्वारा साजिश' करार दिया है और क्षेत्र में सरकार द्वारा किए गए काम के आंकड़ों गिनवा रहे हैं। क्या वह इस बार फिर अपनी सीट बचने में सक्षम होंगे, यह तो केवल समय ही बताएगा।