स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़: वह कभी पश्चिम बंगाल में सबसे शक्तिशाली आईपीएस अधिकारी थीं। वे मुख्यमंत्री के कान थी। उसका कहा मिदनापुर, बांकुरा, पुरुलिया और आसपास के क्षेत्रों में कानून था। कुछ समय के भीतर वक़्त में नाटकीय रूप से बदलाव आया और उन्होंने अचानक खुद को राजनीतिक स्पेक्ट्रम के दूसरी तरफ खड़ा पाया। वह भारती घोष हैं, जो कि डेबरा से भाजपा की उम्मीदवार हैं। वही उनके विपरीत एक विवादास्पद आईपीएस अधिकारी हैं, जिन्हें कानून की बहुत परवाह नही थी। उन्होंने कथित तौर पर पुलिस में शुरुआती वर्षों के दौरान बेहतर अधिकारियों को सूचित किए बिना छापे मारे, बर्दवान में एक डॉक्टर की बेटी के साथ उनके संबंध थे, जो ममता बनर्जी के नेतृत्व में राज्य सरकार के स्कैनर में थे और अंत में टीएमसी में शामिल हो गये। वे डॉ हुमायूँ कबीर, 2003 बैच के आईपीएस अधिकारी और डेबरा के टीएमसी उम्मीदवार हैं। आईपीएस बनाम आईपीएस युद्ध जारी है, लेकिन लंबे समय तक निर्वाचन क्षेत्र में रहने वाले भारती को निश्चित रूप से बेहतर स्थिति में है।