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मदरसे में रामायण-महाभारत पढ़ाने का प्रस्ताव

location_on WESTBENGAL access_time 03-Mar-21, 10:29 AM

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एएनएम न्यूज़, डेस्क : इस बार मदरसे में हिंदू धर्म के एक से अधिक धर्मग्रंथों को पढ़ाने की संभावना है। गीता, रामायण का नाम, भारतीय संस्कृति और परंपरा को पढ़ाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संगठन के नए प्रस्ताव में है। यह पता चला है कि ये शास्त्र लगभग 100 मदरसों में पढ़ाए जा सकते हैं। बाद में मदरसों की संख्या में और वृद्धि की जाएगी। ये शास्त्र नए NIOS पाठ्यक्रम के पाठ्यक्रम में शामिल किए जाएंगे। इन्हें राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार पाठ्यक्रम में शामिल किया जा सकता है। इस प्रस्ताव का उद्देश्य 'भारतीय जन परम्परा' या भारतीय शैक्षिक परंपरा को बनाए रखना है। शास्त्रों को कक्षा 3, 5 और 6 में रखा जाएगा। NIOS के नए प्रस्ताव की घोषणा केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ। रमेश पोखरियाल ने की है। उन्होंने यह घोषणा करते हुए कहा, भारत एक प्राचीन भाषा है, विज्ञान और संस्कृति के वाहक और वाहक। इस प्राचीन भाषा और परंपरा को आगे बढ़ाते हुए, देश शिक्षा के शिखर पर पहुँच सकेगा। उसे लगता है कि नए प्रस्ताव से भारतीय छात्रों को बहुत फायदा होगा।




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