स्टॉफ रिर्पोटर, एएनएम न्यूज़ : वह रेस में है या नहीं? दिग्गज ट्रेड यूनियन नेता, राशबिहारी विधानसभा क्षेत्र से पांच बार के विधायक और राज्य के ऊर्जा मंत्री सोभनदेब चट्टोपाध्याय फिलहाल दुविधा का सामना कर रहे हैं। पूर्व मुक्केबाज से राजनेता बने तृणमूल नेता ने अपने राजनीतिक जीवन में बहुत कुछ हासील किया है।अपने शुरुआती राजनीतिक दिनों से ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बेहद करीबी सहयोगी और पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक, आज आंशिक रूप से कई सहयोगियों के कारण हाशिए पर है, जिनके वजह से शायद वे अपनी सीट से हाँथ धो सकते हैं। कोलकाता में चर्चित निर्वाचन क्षेत्रों में से एक, राशबिहारी विधानसभा सीट में बंगाली परिवार बहुसंख्यक हैं। दक्षिण कोलकाता स्थित यह निर्वाचन क्षेत्र पॉश क्षेत्रों में शुमार है, पारंपरिक रूप से वाम मोर्चे के शासन में भी कांग्रेस के उम्मीदवारों को गले लगाया है। हालाँकि आदि गंगा से काफी पानी बह चुका है, जो एक इस क्षेत्र का लोकप्रिय नहर है। उनके विरोधियों ने उल्लेख किया कि सोभनदेब अपने निर्वाचन क्षेत्र में मुश्किल से ही दिखाई देते हैं और लोगों और उनकी आवश्यकताओं की देखभाल में कोई दिलचस्पी लेने के बजाय वे अपने बेटे का भविष्य संवारने में व्यस्त हैं। क्षेत्र में कांग्रेस के पास अभी भी आधार है और भाजपा ने बड़े पैमाने पर जगह बनाया है। टीएमसी के भीतर गुटबाज़ी एक खुला रहस्य है। सोभनदेब के लिए, यह एक राजनीतिक युद्ध से कम नहीं है, जिसे उन्हें अपने दम पर लड़ना होगा। वह कर पाएंगे या नहीं?