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दीदी-मोदी का राजनीतिक डीएनए एक

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एएनएम न्यूज़, डेस्क : एक समय था जब अधीर चौधरी नवाग्राम, मुर्शिदाबाद में कांग्रेस के उम्मीदवार थे, लेकिन उन्हें शासक के आतंक और पुलिस की अति-सक्रियता के कारण अपने शरीर को ढंकना पड़ा। अधीर रंजन चौधरी ने आज ब्रिगेड के मंच पर। बंगाल में जब दो राष्ट्रीय दलों, सीपीएम और कांग्रेस का अस्तित्व खतरे में था, तो उनका मतलब था कि संकट अधिक था। देश का धर्मनिरपेक्ष और मैत्रीपूर्ण वातावरण खतरे में है। उस खतरे को दूर करने के लिए हमें गठबंधन में और अधिक उदार बनने और लड़ने की जरूरत है। गौरतलब है कि प्रांतीय कांग्रेस के अध्यक्ष ने जय हिंद और इंकलाब जिंदाबाद के नारे लगाकर अपना भाषण समाप्त किया। नेताओं ने अनुमान नहीं लगाया होगा कि रविवार को वामपंथी कांग्रेस, अब्बास सिद्दीकी की ब्रिगेड में इतने लोग होंगे। लोकसभा में कांग्रेस नेता भी भीड़ से उत्तेजित थे। उन्होंने कहा, 'यह मेरे जीवन में पहली बार है कि मुझे इतनी बड़ी बैठक में बोलने का अवसर मिला है। जो लोग यह बताना चाहते थे कि अगला चुनाव भाजपा और जमीनी स्तर की लड़ाई होगी, रैली ने उन्हें गलत साबित कर दिया। आने वाले दिनों में तृणमूल, भाजपा नहीं होगी, एक संयुक्त मोर्चा होगा। प्रांतीय कांग्रेस अध्यक्ष के अनुसार, बंगाल में दोनों दलों, भाजपा और तृणमूल से खतरे हैं। ये दोनों दल लोकतांत्रिक तरीके से सत्ता में आए। लेकिन जैसा कि नरेंद्र मोदी दिल्ली में कहते हैं, कांग्रेस मुक्त भारत का निर्माण होना चाहिए। ममता बनर्जी ने बंगाल में ऐसा ही किया है। कहते हैं, हमें इसे बिना विरोध के बनाना होगा। दूसरे शब्दों में, मोदी और दीदी का राजनीतिक डीएनए एक ही है। दोनों सत्तावादी हैं। जो लोग लोकतांत्रिक तरीके से सत्ता में आते हैं और इस तरह से लोकतंत्र का गला घोंटना चाहते हैं, उन्हें हराना चाहिए।




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