रेलियाबेड़ा में वन संशोधित क्षेत्र का किया गया सीमांकन
अनुसूचित जनजाति एवं अन्य परम्परागत वन निवासी की ओर से नावाडीह प्रखंड के चपरी पंचायत अंतर्गत रेलियाबेड़ा के पांच सौ एकड़ जमीन को वन भूमि घोषित कर मुंगो में सीमांकन किया गया । इसके साथ ही आदिवासी पुरुष व महिलाओं ने जल जंगल व जमीन पर अपना अधिकार बताते हुए उसकी सुरक्षा करने का संकल्प लिया । यहां वक्ताओं ने कहा कि पूर्वजों से जल, जंगल व जमीन पर ग्रामीण का अधिकार रहा है । ऐसे में पर्यावरण संरक्षण व ग्लोबल वार्मिंग से बचने को जंगल को कटने से बचाना है । साथ ही किसी अवसर को यादगार बनाने के लिए वृक्षारोपण करने की नसीहत दी । बताया गया कि वन संशोधित नियम 2012 के तहत यह संसोधित क्षेत्र है । अब बगैर अनुमति के जंगल में पेड़ काटना, आग लगाना, अन्य जीव व जंगल जैवविविद्यता को नुकसान करना मना है । पकड़े जाने पर ग्रामसभा की ओर से कठोर कार्रवाई की जाएगी । मौकेे पर सीताराम किस्कु, मंगल टुडू, संजय मुर्मू, देवीलाल सोरेन, परमेश्वर बास्के, बाबूलाल मांझी, धनेश्वर मांझी आदि उपस्थित थे ।