सरायकेला जिला के विभिन्न गांव में विद्या देवी के पूजा के लिए विभिन्न प्रकार का पंडाल बनाया गया । तथा बसंत पंचमी के पूर्व की भी तैयारी की गई। कुकडू निमडीह चांडिल ईचागढ़ गम्हरिया के विभिन्न टोला में बसंत पंचमी के अवसर पर विद्या की देवी सरस्वती मां की पूजा अर्चना की जाती हैं। विद्या देवी की पुजा शिक्षा स़स्थान में, छात्र-छात्राओं के द्वारा की जाती है। सरस्वती पूजा के अवसर पर विद्युत सामग्री से पंडाल और टोला की सजावट की गई ।
प्रति वर्ष के भांति इस वर्ष भी चांडिल स्टेशन स्थित तालाब के मध्य मां सरस्वती की प्रतिमा बैठाकर पूजा अर्चना की गई ,
वहीं ओर फुस की भी पंडाल निर्माण लोगों का आकर्षण केन्द्र रहा। गांव के सरस्वती पूजा हर्ष उल्लास के साथ बनाया गया। कुछ लोग का कहना की पंचमी पूजा के शाम में घर चूल्हा पर खाना बनाया जाता है।
कुछ लोगों की यह परम्परा एवं अवधारना है कि घर में पंचमी के रात में चूल्हा जलता है । षष्ठी के दिन में चूल्हा के पुजा की घर में की जाती है। इस लिए षष्ठी को घर में चुल्हा नहीं जलता है । भाई बन्धाव , कुटुम्ब को बासी भोजन खिलाने की प्रथा आज भी गांव में प्रचलित है।