एएनएम न्यूज़, डेस्क : चमोली में इतनी बड़ी आपदा क्यों! इसे लेकर रिसर्च टीम बनाई जा रही है। रविवार को उत्तराखंड की विकट स्थिति देख पूरा देश पहले ही स्तब्ध है। भूमि विशेषज्ञों के अनुसार, एक ओर पर्यावरण के उचित महत्व के बिना बांधों का निर्माण दूसरी ओर एक के बाद एक क्षेत्र नदी पर बने घरों और विभिन्न निर्माणों ने यह भयानक स्थिति पैदा की है। दूसरी ओर इस संबंध में भाजपा के भीतर गुस्सा पैदा हो गया है। खुद बीजेपी नेता उमा भारती ने भी इसका विरोध किया है। 2019 के एक सर्वेक्षण के अनुसार, ग्लेशियर का ग्लेशियर दर 2000 से दोगुना हो गया है, जबकि 1975-2000 की तुलना में 650 ग्लेशियरों का कुल क्षेत्रफल लगभग 2,000 किमी 2 का क्षेत्र है। चमोली क्षेत्र में बार-बार चेतावनी के बावजूद प्रशासन और आम जनता ने नहीं सुनी। शायद पूरी दुनिया ने इस के फल और भयावहता को देखा।