स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़ : बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस जैसे बड़े लोगों के आरोपों का मुद्दा उठाकर राज्य में लेफ्ट और कांग्रेस एकजुट हो गए हैं। लेकिन दोनों पार्टियां हजारों सवालों का सामना कर रही हैं कि यह गठबंधन भाजपा या तृणमूल को हराने में कितना सक्षम है।
दूसरी ओर राज्य के जमीनी और भाजपा विरोधी कांग्रेस नेताओं में से एक अधीर चौधरी भाजपा की ओर झुक रहे हैं। अपनी शक्ति बढ़ाने के लिए वामपंथी-कांग्रेस गठबंधन को भारतीय धर्मनिरपेक्ष मोर्चे के साथ समझ में आने वाला है!
भारतीय धर्मनिरपेक्ष मोर्चा के संस्थापक फुरफुरा शरीफ के पीरजादा अब्बास सिद्दीकी ने पहले ही वाम दलों के साथ गठबंधन में शामिल होने की बात कही है। इस बार कांग्रेस के सहयोग की जरूरत है। इसके बाद ही वे एकजुट होंगे और विपक्ष को रोकने के लिए संघर्ष करेंगे।
सिद्दीकी की पार्टी पहले ही 44 सीटों की मांग कर चुकी है। बाकी को गठबंधन बनाने का इंतजार है। हालांकि वाम दलों ने गठबंधन को हरी झंडी दे दी है, यह कांग्रेस को तय करना है।