जिस तरह से छोटे बच्चों को लॉली पॉप देकर बहला लेते हैं ठीक उसी प्रकार गढ़वा विद्युत विभाग ने भी 15 जुलाई से 24 घंटा बिजली देंगे के नाम पर मंझिआंव - गढ़वा की जनता को बहलाने- फुसलाने का काम कर रही है। गढ़वा- मंझिआंव की बिजली व्यवस्था को देखकर ऐसा लगता है कि विद्युत विभाग को किसी की बुरी नजर लग गयी है।थोड़ी सी बारिश हुई कि नहीं बिजली चली जाती है। एक कहावत है रोने के लिए मन है तो आँख ही खोदा गया। विद्युत की सही व्यवस्था नहीं है तो बारिश हो गयी तो तूफान आ गया। जहां तक मुझे याद है झारखंड में चाहे जिसकी भी सरकार बनी हो गढ़वा की बिजली व्यवस्था में कभी सुधार नहीं हुआ।
अब देखना ये है कि 15 जुलाई से बिजली 24 घंटा रहती है या फिर ये भी एक चुनावी जुमला है।
कुछ दिन पहले नोटिस के माध्यम से ये सूचित किया गया था कि विद्युत विभाग में काम होने की वजह से बिजली सुबह 9 से शाम 6 बजे तक नहीं रहेगी। परंतु अभी 7:20 होने वाले हैं (जब मैं यह लिख रहा था। ) पर अभी तक बिजली का कहीं अता-पता नहीं। सुबह में भी बिजली नहीं रहती है। जिसके कारण लोगों का मोबाइल चार्ज करना भी दुस्वार हो गया है। बिजली पर आश्रित रहने वाले काम धंधे सब चौपट हो गए हैं। बच्चों का घर मे पठन-पाठन की क्रिया समाप्त हो गयी है।
विद्युत विभाग से आग्रह है जनता के साथ आँख मिचौली का खेल खेलना बन्द करे और अनावश्यक बिजली कटौती पर अंकुश लगाए। अपने विभाग के सारे कर्मचारियों को सख्त निर्देश दे।