टोनी आलम, एएनएम न्यूज़, अंडाल : अंडाल हवाई अड्डा प्रबंधन के खिलाफ लगातार वादे से मुकरने का आरोप लगता रहा है। एक बिघा जमीन के बदले एक कठ्ठा जमीन प्रशिक्षण प्राप्त लोगों को नौकरी अन्य आर्थिक मुआवजा अभी भी बकाया है। कई बार जब प्रबंधन से गुहार लगाकर भी कोई फायदा नहीं हुआ तो एक बार फिर से कुछ जमीन दातायो ने आंदोलन शुरु किया है। अंडाल हवाई अड्डा कृषक श्रमिक और युवा वेलफेयर सोसाइटी के बैनर तले मंगलवार को दुपचुरिया मोड़ पर विमान नगरी घुसने के मुख्य गेट के सामने जमीन दातायो और कुछ प्रशिक्षण प्राप्त लोगों ने धरना दिया। किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए पहले से ही पुलिस तैनात थी। सुबह छह बजे से धरने की शुरुआत हुई। विक्षोभकारीयो की तरफ से देधाशिष घोषाल ने कहा कि 2018 मे विमान नगरी के लिए जमीन अधिग्रहण की शुरुआत हुई थी। इलाके के 13 मौजायो मे 1300 एकर जमीन को प्रबंधन द्वारा अधिग्रहण किया गया था। जमीन दायायो कोआ हर एकर पर ढाई लाख रुपये मुआवजा देने की बात कही गयी थी। मगर आजतक सभी जमीन दातायो को मुआवजा नही मिला है। इलाके के करीब साढ़े पांच हजार युवक युवतियों को आई आई टी प्रशिक्षण दिया गया था। प्रशिक्षण के बाद हवाई अड्डे पर उनको नौकरी देने का आश्वासन दिया गया था। मगर आजतक किसी को नौकरी नही मिल पायी है। एक एकर जमीन के बदले विमान नगरी के अंदर सभी बुनियादी सुविधाओं के साथ हर जमीन दाता को एक कठ्ठा जमीन देने की भी बात कही गयी थी। पिछले साल दिसंबर मे रानीगंज मे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक प्रशासनिक बैठक के दौरान पांच जमीन दातायो को एक कठ्ठा जमीन के कागजात दीये भी थे। अन्य सभी को भी चरणबद्ध तरीके से जमीन देने की बात थी। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया था कि जमीन दातायो को जो कागज़ दिया गया है उसे ले जाने पर रेजिस्ट्री आफिस मे रेजिस्ट्री हो जाएगी। मगर रेजिस्ट्री आफिस से उनको साफ कहा गया कि इस बाबत उनके पास कोई निर्देश नही है। इसी वजह से जमीन के कागजात पाकर भी उनको जमीन पर मालिकाना हक मिलेगा या नही उसे लेकर कशमकश की स्थिति पैदा हो गयी है। देवाशिष घोषाल ने कहा कि उन्होंने अपनी समस्यायो के बारे में हर दफ्तर से गुहार लगाई है मगर आश्वासन के सिवा उनको कुछ भी नहीं मिला। इसी वजह से आज फिर से यह आंदोलन कर रहे हैं। हालांकि हवाई अड्डा प्रबंधन ने कहा कि आंदोलन के कारण हवाई अड्डे पर विमानों के उड़ान पर कोई असर नहीं हुआ है। दुसरी तरफ आंदोलनकारीयो की मांगो को लेकर प्रबंधन की कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है।