एएनएम न्यूज़, डेस्क : बॉम्बे हाई कोर्ट के बाद, पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने एक और 'विवादास्पद' फैसला दिया है। अदालत ने कहा कि अगर पति को मार दिया गया था, तब भी उस आदमी की पत्नी को नियमित सरकारी पेंशन मिलेगी! वह हरियाणा सरकार का कर्मचारी था पति की मौत के एक साल के भीतर ही बलजीत पर अपने पति की हत्या का आरोप लगा उन्हें 2011 में दोषी ठहराया गया था बलजीत, तरसेम की मृत्यु के बाद से अपनी पत्नी के रूप में पारिवारिक पेंशन प्राप्त कर रहा था बलजीत को दोषी करार दिए जाने के बाद से हरियाणा सरकार ने उनकी पेंशन निलंबित कर दी है। बलजीत आखिरकार अपने पति की पेंशन का बकाया पाने के लिए अदालत में गया
पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया कि पति की हत्या होने पर भी, पुरुष की पत्नी को नियमित रूप से सरकारी पेंशन मिलेगी। उच्च न्यायालय ने कहा, "कोई भी सोने का अंडा देने वाली बत्तख को नहीं मारता है।" भले ही वह अपने पति को मार दे, लेकिन उसे उसकी पेंशन से वंचित नहीं किया जा सकता है। क्योंकि पारिवारिक पेंशन एक ऐसी लोक कल्याणकारी योजना है, जिसका उद्देश्य किसी सरकारी कर्मचारी के परिवार को उसकी मृत्यु के बाद वित्तीय सहायता प्रदान करना है। इसलिए अगर पत्नी को किसी मामले में दोषी ठहराया जाता है, तो भी उसे अपने पति की पेंशन मिलेगी। ”