टोनी आलम, एएनएम न्यूज़, रानीगंज : कई संस्थायें बंद हो चुकी है। चोरो के कारण कारखाना खंडहर बन चुका है। वर्तमान सुरक्षा कर्मियों ने ईसे स्वीकार भी किया है। अभी भी बकाया रकम बाकी है। कई लोग या तो मर गये हैं या कहीं और चले गए हैं। अभी भी कुछ परिवार इसी कारखाने के आवास मे रहते है। मगर रोजगार ना होने से वह परेशान हैं। इसी वजह से केंद्रीय बजट मे वह बंद पड़े कारखानों को खोलने की गुहार लगा रहे हैं। रानीगंज की शान थी बनर्स एंड कंपनी। केंद्र सरकार अधीनस्थ इस संस्था मे उच्च गुणवत्ता के सिलिका और फ्लाई ऐश ईंटो का उत्पादन कीया जाता था। जो कि देश के विभिन्न प्रांतों के कई बड़े इस्पात कारखानो मे इस्तेमाल होते थे। मगर केंद्र सरकार की अधीनस्थ यह संस्था सन 2000 मे बंद हो गयी। मुनाफे मे चल रहे इस कारखाने मे उस वक्त 2000 कर्मचारी थे। इस कारखाने के कारण रानीगंज सहित शिल्पांचल के और भी कई इलाकों के लोगों की रोजी रोटी चलती थी। मगर सरकार ने मुनाफे मे चल रहे इस कारखाने को बंद कर दिया। जिससे हजारों लोग बेरोजगार हो गए। यहां के कर्मचारी नंदलाल सिंह राकेश सिंह राकेश थापा ने कहा कि कारखाना बंद हो जाने से वह बेरोजगार हो गए हैं। बच्चों की पढाई तक बंद हो चुकी है। पेट पालने के लिए कोई चाय की दुकान चलाता है तो कोई दिहाड़ी मजदूरी करता है। उन्होंने दावा कीया कि कई लोगों की तो भुख से मौत हो गयी है। राजनीतिक दलो द्वारा तमाम आंदोलनों के बाद भी कारखाना खुल नही पाया है। इसी वजह से अब वह बजट की तरफ आस लगाये बैठे हैं।