एएनएम न्यूज़, डेस्क : 1 फरवरी को बजट के अनुकूल हो सकती हैं। इससे बिरयानी और पिज्जा जैसे फास्ट फूड की कीमत कम हो सकती है। यह ऐप आश्रित खाद्य वितरण कंपनियों के मालिकों द्वारा इंगित किया गया है। उन्होंने मांग की कि सरकार की जीएसटी ऑनलाइन डिलीवरी को विनियमित करे। खाने पर 18 प्रतिशत जीएसटी चुकाना पड़ता है। याचिका कंपनी के मालिकों ने इसे घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया। यदि यह प्रस्ताव स्वीकार कर लिया जाता है, तो कंपनियां भोजन की कीमत के साथ श्रमिकों को काम पर रख सकेंगी।