राहुल तिवारी, एएनएम न्यूज़: मैथन और पंचेत सहित चार जलाशयों को राष्ट्रीय जल विज्ञान परियोजना द्वरा जल प्रणाली को उपग्रह प्रणाली में जोड़ा गया था। इस प्रणाली को शुक्रवार आधिकारिक रूप से लॉन्च की गई। डीवीसी के इन चार जलाशयों के जल स्तर की गणना या जानकारी का निर्वहन इस बार डिजिटल जानकारी के माध्यम से पूर्णरूप स्वचालित होगा। कार्यकारी निदेशक अशोक कुमार वर्मा, डीवीसी मुख्य अभियंता सत्य ब्रत बंद्योपाध्याय, परियोजना प्रमुख मैथन सुबोध कुमार दत्त, और कई अन्य लोग शुक्रवार को परियोजना के आधिकारिक लॉन्च पर उपस्थित थे। अब कोलकाता के जल सम्पदा भवन में बैठे राज्य सरकार के अधिकारियों को सभी जल संबंधित अपडेट एक घंटे के भीतर प्राप्त हो जाएगी । पूरा कार्य उपग्रह प्रणली का उपयोग करके किया जाएगा। इसके लिए बाराकर, दामोदर और डीवीसी मैथन, पंचेत, तिलैया और कोनार बांधों में 63 सेंसर लगाए गए हैं। कुल लागत 45 करोड़ रुपये है। डीवीसी के अधिकारियों को उम्मीद है कि डाटा सम्बंदित समस्या का समाधान हो जाएगा क्योंकि राज्य का यह आरोप रहा है, कि डीवीसी द्वरा पानी को छोड़ने से संबंधित सभी जानकारी समय पर उपलब्ध नहीं हो पाती है ।