एएनएम न्यूज़, डेस्क : माइकोबैक्टीरियम, ई-कोलाई जैसे कई बैक्टीरिया हैं जो दवा में नहीं मर रहे हैं। यह तपेदिक, निमोनिया, गुर्दे और पेट की समस्याओं से जटिल है। डॉक्टरों की लाचारी बढ़ गई है क्योंकि कोई नई एंटीबायोटिक दवाओं की खोज नहीं की गई है। ब्रिटेन में कार्डिफ विश्वविद्यालय और बर्मिंघम विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने लगातार बैक्टीरिया को मारने का एक नया तरीका निकाला है।
दो विश्वविद्यालयों के शोधकर्ताओं का दावा है कि 'इम्यूनो-एंटीबायोटिक्स' बैक्टीरिया के जीव पर सीधे हमला करते हैं, साथ ही संक्रमित कोशिकाओं को मारने के लिए टी-कोशिकाओं को उत्तेजित करते हैं। शोध पत्र हाल ही में विश्व-प्रसिद्ध पत्रिका नेचर में प्रकाशित हुआ था।
डॉक्टरों का मानना है कि इस 'उपन्यास' शैली में बहु-दवा प्रतिरोधी जीवाणुओं से निपटना कल के जीवाणु रोगों के उपचार में ब्रह्मास्त्र बन जाएगा।