टोनी आलम, एएनएम न्यूज़, रानीगंज :
आजादी के दीवानों का गढ़ रानीगंज के घोष परिवार के मन मे एक टीस बनी हुयी है। रानीगंज के ही बहुत से निवासीयो को नही पता कि इसी घर मे नेताजी सुभाष चन्द्र बोस सहित कई क्रांतिकारी रहा करते थे। आजादी की जंग मे उनके योगदान के बावजूद आजादी के बाद उनको उनका योग्य सम्मान नही मिला। इसी वजह से घोष परिवार के सदस्य क्षौणिक चंद्र घोष के मन खलीश बनी हुई है। क्षौणिक घोष ने बताया कि उनके दादाजी जीवन चंद्र घोष पेशे से चिकित्सक थे साथ ही वह रानीगंज नगर निगम के चेयरमैन भी थे। शरत चंद बोस के साथ उनकी गहरी मित्रता थी। शरत चंद बोस चिठ्ठीयो के जरिए उनसे संपर्क बनाकर रखते थे। देश की आजादी से जीवन चंद्र घोष कई क्रांतिकारीयो के प्रत्यक्ष या परोक्ष संपर्क मे आए। कई क्रांतिकारी रात के अंधेरे मे उनके घर आते थे और पौ फटने से पहले ही चले जाते थे। 1931 या 1932 मे रानीगंज मे एक अस्पताल का उद्घाटन करने आये नेताजी सुभाष चन्द्र बोस इन्हीके घर पर ठहरे थे। जीवन घोष के साथ सुभाष चन्द्र बोस ने खाना भी खाया। वह तस्वीर परिवार के पास थी मगर अब वह नष्ट हो चुकी है। क्रांतिकारीयो और सुभाष चन्द्र बोस के उनके घर आने से इस परिवार पर ब्रिटिश हुकुमत की गाज भी गिरी। क्षौणिक घोष ने कहा कि उनके पिता क्षितीश चंद घोष और उनके परिवार ने आजादी के आंदोलन मे सक्रिय भुमिका निभाई थी। तत्कालीन ब्रिटिश सरकार ने उनको आतंकवादी करार दीया जिस वजह से उनपर हमेशा ब्रिटिश सरकार की पैनी नजर रहती थी। कई दस्तावेज परिवार के काली मंदिर मे रखे गये थे। बाद मे वह सारे दस्तावेज नष्ट हो गये। मगर देश की आजादी के बाद किसी ने उनकी सुध नही ली। जीवन घोष और वर्तमान पीढी को वह योग्य सम्मान ना मिलने से जीवन घोष के पोते क्षौणिक को अफसोस है। पुरे देश मे जब नेताजी को लेकर जब राजनीति चरम पर है ऐसे मे रानीगंज के चुडिपट्टी ए आर रहमान रोड निवासी घोष परिवार निशब्द तरीके से क्रांतिकारीयो और नेताजी को लंबे समय से सम्मान प्रर्दशित करता आया है।