सौरभ वर्मा
रामगढ। चुनाव आते ही सड़कों पर राजनेताओं की चहलकदमी बढ़ जाती है। नेता अपने आलीशान घरों से बाहर निकल कड़ी धूप में सड़कों पर उतरते हैं और फिर धूल मिट्टी भरे गांवों में नादान ग्रामीणों के बीच जाकर विकास के दावें गढ़ते हैं और आश्वासन दिलाते हैं। भोले-भाले ग्रामीणों को हम आपकी सेवा के लिए हैं, आप लोगों के लिए हैं। हम आपका विकास करेंगे, लेकिन आप हमें वोट दीजिए। अपना जनप्रतिनिधि बनाएं और उसके बाद होता है क्या? होता यह है कि जिसे आप चुनते हैं, जिसे आप वोट देते हैं वो आपको अगले 5 सालों के लिए भूल जाते हैं। ऐसा हम नहीं कह रहें है, ये कहानी बयां कर रहा है। चितरपुर प्रखंड अन्तर्गत सुकरी गढ़ा पंचायत के कुस्माही टुंगरी (पैन पार) बस्ती के ग्रामीण आजादी के बाद से पानी और सड़क से भी वंचित है।
झारखंड सरकार प्रदेश को स्वर्णिम झारखंड प्रदेश बनाने का लाख दावा करे लेकिन सच यही है कि आज भी प्रदेश की जनता मूल भूत सुख सुविधाओं के लिए तरस रही है। जिस गांव के ग्रामीण आजादी के बाद से सप्लाइ पानी और सड़क से आज भी वंचित है। कई बार सरपंच, अधिकारी, कलेक्टर और जनप्रतिनिधियों से गुहार लगाने के बाबजूद भी जब इनकी समस्या को किसी ने नही सुना। इन बुनियादी समस्याओं को पाने के लिए ग्रामीणों ने सरपंच से लेकर कलेक्टर तक, विधायक से लेकर सांसद तक गुहार लगाई। फिर भी ग्रामीणों की कोई सुनवाई नही हुई।इस बस्ती में पानी पीने के लिए भी शासन ओर प्रशासन स्तर पर कोई कार्य नही किया गया। ग्रामीण महिलाएं एक किलोमीटर दूर बने जलमिनार से पानी लाती हैं, खास बात यह है कि इस जलमीनार के भी बने एक डेढ़ साल ही हुआ हैं। जिसे तत्कालीन मुखिया माथुर महतो ने अपने कार्यकाल में बनवाया हैं। जलमिनार ना होने से पहले स्थानीय ग्रामीण पास में ही बने सरकारी हैंडपंप से पानी लाकर अपना जीवन यापन करते थे। लेकिन हैरत की बात तो यह है कि यह हैंडपंप भी पिछले कई महीनों से बंद पड़ा है। अब ऐसे में बस्ती के ग्रामीणों को पीने का पानी भी काफी दूर जाकर लाना पड़ता है। महिलाओं की माने तो पानी लाने में ही उनकी ता उम्र गुजर गई। जब समस्या हद से ज्यादा बढ़ गई तो स्थानीय ग्रामीणों द्वारा युवा नेता उत्तम पटवा से ग्रामीणों ने अपनी समस्या को रखा फल स्वरूप युवा नेता उत्तम पटवा त्वरित कार्यवाही करते हुए कुसमाही टुंगरी (पेन पार) में आकर सड़क का जायजा लिया और ग्रामीणों को आश्वासन देते हुए कहा कि बहुत जल्द आप लोगों की समस्या को तत्कालीन विधायक व प्रखंड विकास पदाधिकारी के समक्ष रखा जाएगा और जल्द से जल्द समस्या का निदान किया जाएगा।