गोमिया: गोमिया प्रखंड के चुट्टे पंचायत अंतर्गत दनरा-नवडंडा के बीच शिकार डूबवा नाला में बनने वाला उच्चस्तरीय पुल सवालों के घेरे में हैं, यहां हो रहे पुल निर्माण में संवेदक द्वारा धड़ल्ले से विस्फोटक का इस्तेमाल किया जा रहा है और रात के अंधेरे में विस्फोट किया जा रहा है. जिसकी गवाही स्थानीय ग्रामीण और उडाए गए पत्थर चीख-चीख कर दे रहे हैं. यह तब हो रहा है जब पुल के पिलर के लिए विस्फोटक लगाकर नीव की खुदाई की जा रही है. भारी मात्रा में डेटोनेटर और निशानी पत्थर निर्माण स्थल में जहां तहां बिखरे पड़े हैं. जहां रविवार दोपहर तक कार्य स्थल में लगे मजदूरों द्वारा पत्थरों में एक दर्जन से अधिक हॉल बना लिए गए हैं. जिसे सोमवार को उड़ाया गया है.
चुट्टे पंचायत के पूर्व मुखिया प्रतिनिधि उपेन्द्र प्रसाद महतो ग्रामीणों के साथ निर्माण स्थल पहुंचे और कार्य में अनियमितता और पिलर निर्माण में संवेदक द्वारा नींव खुदाई में गहराई कम किए जाने का आरोप लगाया. इस दौरान पूर्व मुखिया प्रतिनिधि ने नीव में मानक से कम खुदाई करने, जंग लगा सरिया के उपयोग करने का आरोप लगाया.
पत्थरों में मिले डायनामाईट लगाने उड़ाने और डेटोनेटर के निशान
वहीं निर्माणस्थल पर मजदूरों द्वारा खोदे गए नीव और उड़ाए गए पत्थरों में डायनामाईट के निशान और फंसे हुए डेटोनेटर देखे गए जो तस्वीरों में कैद किया गया है. मजदूरों द्वारा एक दर्जन से अधिक जगहों में पत्थरों पर पतली नली जैसी गहरी हॉल बनाई गई है जिसमें रात में विस्फोटक भरकर रविवार को रात के अंधेरे बलास्ट किया जाएगा. फिलहाल उक्त हॉल में पानी या गंदगी घुसने से बचाने के लिए पेड़ के पत्ते तोड़कर डाले गए हैं. बताया कि ठेका कंपनी द्वारा पुल निर्माण कार्य में पत्थरों को तोड़ने को लेकर बिना मानक का ख्याल रखते हुए धड़ल्ले से अवैध विस्फोटकों का प्रयोग किया जा रहा है.
विस्फोट का नीव के पत्थरों में होगा असर
पूर्व मुखिया प्रतिनिधि उपेन्द्र प्रसाद ने आरोप लगाया कि पिलर निर्माण के लिए नीव की खुदाई विस्फोटक लगाकर की जा रही है. अगर इतने बड़े पैमाने पर विस्फोटक का इस्तेमाल किया जाएगा तो निश्चित रूप से इसका असर ठोस पत्थरों पर पड़ेगा और वह भी कमजोर होगा ऐसी स्थिति में पुल कमजोर बनेगा और 75 वर्षों का इंतजार एक बार फिर सिफर ही होगा. उन्होंने उच्चाधिकारियों से जांच की मांग की है.
अनियमितता के कारण बारिश में बह गया था गोमिया प्रखंड में एक पुल
गोमिया प्रखंड के होसिर पश्चिमी के ढेंढे और सियारी पंचायत के डुमरी को जोड़ने वाली बोकारो नदी पर बनी उच्चस्तरीय पुल का एक हिस्सा बीते 2 अगस्त 2024 को भारी बारिश के बीच पानी के तेज बहाव मे बह गया था. धवस्त होने के बाद 2 दिसंबर चार माह बीत जाने के बाद भी स्थिति जस की तस है। हजारों की आबादी प्रभावित है। परंतु शासन प्रशासन इस ओर कोई पहल नहीं कर रहा है। होसिर पश्चिमी पंचायत की मुखिया पार्वती देवी ने आरोप लगाया था कि बीते 10 साल पहले बना 2 अगस्त को नदी में समा गया। संवेदक ने पुल निर्माण मे काफी अनियमितता बरती थी। जिसका स्थानीय ग्रामीणों ने विरोध भी किया था। बावजूद इसके संवेदक ने भ्रष्टाचार युक्त पुल का निर्माण करा दिया था। जिसका दंश अब ग्रामीणों को झेलना पड़ रहा है। उस दौरान पैदल आवागमन कर रहे ढेंढे निवासी अधेड़ गौरीलाल प्रजापति भी पुल के साथ पानी के तेज बहाव मे बह गए थे।
क्या कहते हैं ग्रामीण ?
ग्रामीण कुंजलाल महतो ने कहा कि 09 सितंबर 2024 को गोमिया के तत्कालीन विधायक डॉ. लम्बोदर महतो ने मुख्यमंत्री ग्राम सेतु योजना मद से शिलान्यास किया था अब जाकर दिसंबर से निर्माण कार्य शुरू किया गया है। डायनामाईट से विस्फोट कर नीव खोदी जा रही है जबकि पत्थर तोड़ने के लिए ब्रेकर का इस्तेमाल किया जाता है. ब्लास्टिंग से बुनियाद ही इसका कमजोर हो जाएगा तो पुल भी कमजोर ही बनेगा. कहा कि ग्रामीणों ने पैदल व बाइक को धकेलकर नदी पार करने का दंश झेला वे कम से कम हमारे बच्चे नहीं झेले इसीलिए सरकार से मजबूत पुल निर्माण की मांग करते हैं.
मोटरसाइकिल से नदी पार कर रहे राजेश महतो ने बताया कि जन्म से वे यही स्थिति को देखते आ रहे हैं वर्षों बाद पुल निर्माण देखकर ख़ुशी हुई परंतु संवेदक द्वारा जिस प्रकार विस्फोटक लगाकर नीव खुदाई की जा रही है और नीव कम खोदकर सरिया का
फाउंडेशन खड़ा किया जा रहा है तथा अनियमितता बरती जा रही है निश्चित ही सियारी में गिरे पुल जैसा इसका दंश भी हम ग्रामीणों को भी झेलना पड़ेगा.
बहरहाल पुल निर्माण के लिए नीव की खुदाई में खोदे गए दर्जनों हॉल में उपयोग में लाई जाने वाली डायनामाईट (विस्फोटक) इतनी आसानी से उपलब्ध कैसे हो जाती है और विस्फोटक से नीव खुदाई के सवाल पर स्पेशल डिविजन के सहायक अभियंता अमरजीत कुमार ने बताया कि पुल का प्राकलन (एग्रीमेंट अमाउंट) 3 करोड़ 28 हजार है, नीव खुदाई के लिए ब्रेकर का इस्तेमाल किया जाना है. विस्फोटक का इस्तेमाल करना या पत्थरों पर ड्रिलिंग कर हॉल बनाना गलत है. यदि ऐसा है तो इसकी जाँच की जाएगी.