स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़ : अभी के लिए मुझे अपना दिन महिला कॉलेज में बिताना होगा। सर्दियों में बागबाजार में आग लगने के कारण उनके पास सर्दियों के कपड़े भी नहीं हैं। संक्रांति में पीठा तो दूर की बात, अब उनके सिर पर स्थायी छत तक नहीं है। राख के ढेर में टकराने के बिना और कोई तरीका नहीं है। पैसा, ज़ेबर जो कुछ भी था कुछ भी लेने का समय नहीं मिला। स्थानीय लोगों ने यह भी शिकायत की है कि पुलिस भी उनके साथ अमानवीय व्यवहार कर रहें है। एक रात में एक हजार से ज्यादा लोग बेघर हो गए। अभी के लिए प्रशासन सब कुछ देख रहा है, लेकिन आखिर कब तक।