एएनएम न्यूज़, डेस्क : यह ब्लड ग्रुप जितना दुर्लभ है, उतना ही खतरनाक भी। इस ब्लड ग्रुप का नाम ‘गोल्डन ब्लड’ है। यह ब्लड ग्रुप पहली बार 1961 में मिला था। यह एंटीजन की संख्या के संदर्भ में सामान्य रक्त समूह से भिन्न होता है। इस ब्लड ग्रुप के लोग किसी को भी ब्लड डोनेट कर सकते हैं लेकिन गोल्डन ब्लड डोनर के अलावा किसी से ब्लड नहीं ले सकते।