एएनएम न्यूज़, डेस्क : थानकुनी पत्ता आमतौर पर तालाबों या लहरों के किनारे देखा जाता है। ज्यादातर लोग डॉक्टर की सलाह पर पेट की बीमारियों को ठीक करने के लिए दवा लेते हैं। हालांकि, बहुत से लोगों को पता नहीं हो सकता है, हर्बल सामग्री से भरपूर थका देने वाली पेट की बीमारियों को ठीक करने में थानकुनी पत्ता बहुत प्रभावी हैं। टाइफाइड, डायरिया और हैजा जैसी बीमारियों को ठीक करने के लिए थानकुनी पत्ता का जोड़ नहीं है। इस पत्ते का रस नियमित रूप से पीने के अन्य लाभ हैं।
त्वचा की ताजगी बढ़ाता है: थानकुनी पत्ता न केवल पेट बल्कि अल्सर और अस्थमा सहित विभिन्न त्वचा रोगों को ठीक करने में बहुत प्रभावी हैं। यह त्वचा की जीवन शक्ति को बढ़ाता है। अगर आप रोजाना थोडा-थोडा खाने की आदत डालते हैं तो आप बड़ी बीमारियों से बच सकते हैं थानकुनी पत्ता चिंता और अवसाद की घटनाओं को कम करती हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि इसमें कुछ ऐसे पदार्थ होते हैं जो हार्मोन सेरोटोनिन के स्राव को बढ़ाते हैं। नतीजतन, तनाव हार्मोन का प्रभाव कम होने लगता है।
मस्तिष्क की शक्ति बढ़ाता है: थानकुनी पत्ता के नियमित रूप से खाने से याददाश्त बढ़ती है। जब आप नियमित रूप से लेना शुरू करते हैं, तो शरीर में एंटीऑक्सिडेंट और पेंटासाइक्लिक ट्रिटरपेन नामक पदार्थ का स्तर बढ़ने लगता है। इससे मस्तिष्क की कोशिकाओं की क्षमता बढ़ती है और याददाश्त में सुधार होता है। वृद्ध लोग नियमित रूप से थानकुनी पत्ता का रस भी खाते हैं, जिससे बाद के जीवन में अल्जाइमर या डिमेंशिया जैसी बीमारियां होने का खतरा कम हो जाता है। इस पत्ते का रस तंत्रिका तंत्र को सक्रिय रखने में भी मदद करता है।