मंझिआंव- मंझिआंव-विशुनपुरा मुख्य मार्ग जर्जर हो गया है। सड़क पर बड़े.बड़े गड्ढे हो गए हैं। जिससे चार पहिया वाहन को आवागमन करने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। । इस सड़क पर भारी वाहनों के आवागमन करने पर सड़क में जगह.जगह गड्ढे हो जाने के कारण वाहनों का टायर पंचर हो जा रहे है। सड़क इतनी जर्जर हो गई है कि चार पहिया चालक को इस सड़क पर जान हथेली पर लेकर आवागमन करना पड़ता है। सड़क पर रात के अंधेरे में दुर्घटना घटने की संभावना बनी रहती है। बड़े वाहन तो किसी तरह से जान हथेली पर लेकर आवा गमन कर ले रहे हैं। परंतु चार पहिया छोटे वाहन वाले जान हथेली पर लेकर इस सड़क से गुजरना चाहें तो भी नहीं गुजर सकते। क्योंकि उनके लिए इस सड़क से गुजरना मौत के कुंवे से गुजरने के समान होगा। और बाइक वालों का तो पूछिये मत। बिना हेलमेट के कोई दो पहिया चालक इस सड़क से गुजर जाए तो उसका आँख धूल और गर्दा से भर जाएगा। सड़क से प्रतिदिन प्रशासन और जन प्रतिनिधियों का आना जाना लगा रहता है। परंतु सड़क की हालत देखकर पता चलता है कि शायद अब तक इनलोगों कि नजर जर जर हो चुकी सड़क पर नहीं पड़ी। तभी तो ये सड़क लगभग 3 साल से बद से बदतर होते जा रही है। पर अब तक किसी भी प्रकार की मरम्मती का कार्य तक नहीं हुआ। सड़क की मरम्मत नहीं होने के कारण मंझिआंव और विशुनपुरा क्षेत्र के अंतर्गत पड़ने वाले गांव के ग्रामीणों का प्रशासन, जनप्रतिनिधियों और सरकार के प्रति काफी आक्रोश है ।
गौर करने के बात ये है कि ये सड़क झारखण्ड और उत्तरप्रदेश को जोड़ने वाली मुख्य सड़क भी है। इसलिए प्रशासन, जनप्रीतिनिधि और सरकार को चाहिए कि जल्द से जल्द जर जर हो चुके सड़क को बरसात आने से पूर्व कम से कम मरम्मत कराने का काम करे।
एक भुगतभोगी की कलम से।