मंझिआंव - तलशबरिया निवासी शैख तुफैल अहमद ने खोए हुए पर्स को ओबरा निवासी जय शंकर विश्वकर्मा को लौटकर इंसानियत की मिशाल पेश की।
मझिआंव प्रखंड स्थित तलशबरिया पंचायत ,ग्राम- दलको में आज अजीब घटना देखने को मिली।
प्राप्त जानकारी के अनुसार करीब 4 बजे ओबरा निवासी जय शंकर विश्वकर्मा, ग्राम ओबरा के रविन्द्र विश्वकर्मा को ईलाज करवाने रांची ले जा रहे थे ,जैसे ही घर से कुछ दूर निकले ही होंगे कि तलशबरिया में उनका पर्स गिर गया ,जब वह उंटारी रोड स्टेशन पर पहुंचे तो उन्होंने अपना पर्स चेक किया तो पता चला कि पर्स तो कहीं गिर गया है । आनन फानन में उन्होंने अपने घर पर छोटे भाई अभिषेक विश्वकर्मा को फ़ोन किया और बोले की पर्स कहीं गिर गया है पता नही कहाँ गिरा है। इतना सुनने के बाद उनके घर वाले परेशान हो गए और अपने अपने हिसाब से खोये हुए पर्स का पता लगाने लगे। इतने में दलको गांव के मार्कण्डेय पाण्डेय जी मंझिआव से आ रहे थे। रास्ते में उनको सूचना मिली और पता चला कि खोया हुआ पर्स तलशबरिया के किसी निवासी के पास सुरक्षित है। । मार्कण्डेय पाण्डेय जी ने अभिषेक विश्वकर्मा को सूचित किया और उनको तलशबरिया चलने को कहा। दोनो सज्जन तलशबरिया गए वहां जाने के बाद पता चला कि गया जिन सज्जन को पर्स मिला था, उनका नाम है- शैख़ तुफैल अहमद ।
यह तलशबरिया के रहने वाले हैं जब अभिषेक विश्वकर्मा ने अपने बड़े भाई जय शंकर विश्वकर्मा के खोये हुए पर्स के बारे में पूरी घटना बताया । तब शैख तुफैल अहमद जी ने खोये हुए पर्स को अभिषेक विश्वकर्मा को लौटा दिया। जिसमें सभी कागजात आधार कार्ड ,पैन कार्ड ,सारा चीज़ सुरक्षित था ।
पर्स मिलने के बाद अभिषेक विश्वकर्मा जी के घर वालों ने शैख तुफैल अहमद जी को बहुत - बहुत शुक्रिया अदा किया।
बहुत खुशी होती है कि आज भी हैं वैसे सज्जन जो ईमानदारी और इंसानियत को जिंदा रखे हैं और अपनी जिंदगी को निर्वहन करते है, एक छोटी सी घटना से बहुत कुछ सीख मिलती है कि आदमी कितना भी बड़ा हो जाये अपनी इंसानियत को जिंदा रखना चाहिए, ऐसे व्यक्ति को दिल से सैलूट है मेरे तरफ से ।
बहुत बहुत धन्यवाद ।
उक्त जानकारी अभिषेक विश्वकर्मा जी के द्वारा दिया गया।