खलारी। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के चतरा जिला परिषद सदस्य सह एटक नेता अरविंद शर्मा ने केंद्र सरकार द्वारा तीनों कृषि कानून वापस लिए जाने की घोषणा का स्वागत करते हुए इसे किसानों के महा आंदोलन का जीत बताया है। इस मौके पर अरविंद शर्मा ने कहा कि आज का दिन भारत के इतिहास में किसान के महाआंदोलन के नाम दर्ज हो गया ।पिछले 1 साल से लगातार दिल्ली बॉर्डर पर तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए किसान जमे हुए थे। लगभग 600 किसानों ने आंदोलन स्थल पर ही अपनी जान गवाया। उनके शहादत ने भी किसान आंदोलन को मजबूत किया। सरकार ने सभी तरह का हथकंडा अपनाया परंतु आंदोलन तोड़ने में कामयाब नहीं हो पाए। देश के अन्नदाता को आतंकवादी खालिस्तानी देशद्रोही आंदोलन जीवी और ना जाने क्या-क्या अलंकारों से संबोधित किया परंतु सब्र के साथ किसान दिल्ली बॉर्डर पर जमे रहे ।देश के मजदूरों ने इस आंदोलन का भरपूर समर्थन किया और अंततः जुमलेबाज सरकार जनता के दबाव और चुनावी नतीजों का हश्र देखकर झुक गई और तीन कृषि कानून वापस लेने का ऐलान किया । किसान आंदोलन में जीत की पहली कड़ी है अभी एमएसपी पर कानून बनाने की मांग बरकरार है। जनाक्रोश के सामने दुनिया में कोई भी सरकार जनता के हितों की अनदेखी नहीं कर सकती। मोदी सरकार ने हिंदू मुस्लिम, हिंदुस्तान-पाकिस्तान, जात पात का दावा खेला परंतु आंदोलन के आगे झुकना पड़ा ।सरकार पूंजी पतियों के साथ कदमताल करती रही। परंतु किसानों ने अहिंसक आंदोलन की बदौलत सरकार को झुकने के लिए मजबूर कर दिया।