भवनाथपुर संवाददाता_
भवनाथपुर।गत रात्रि 20 अक्टूबर को संघ परिवार ने सरस्वती शिशु विद्या मंदिर टाउनशिप के प्रांगण में मनाया उत्सव। उक्त अवसर पर स्वयं सेवकों को संबोधित करते हुए बौद्धिक कर्ता सिंघेश्वर महतो ने कहा कि शरद पूर्णिमा उत्सव का संबंध हमारे तन मन और धन तीनों से है । बारह मास में यही एक पुर्णिमा ऐसी है जब चंद्रमा सोलहों कलाओं से पूर्ण हो रात्रि में अमृत बर्षा करते हैं । जो सफेद रंग पर ज्यादा आकर्षित होता है । इसलिए इस दिन रात्रि में खीर आसमान के नीचे रख कर अगले दिन औषधि युक्त खीर खाने की परंपरा है।इस रात को राधा रानी और अन्य सखियां श्री कृष्ण से महारास रचाते हैं। इस अवसर पर महालक्ष्मी पूजन की परंपरा भी है। माना जाता है कि इस रात्रि को माता लक्ष्मी अपने भक्तों को यह देखने निकलती कि कौन जग कर मेरा इंतजार कर रहा है । जगे हुए भक्तों के घरों में मां धन की बर्षा करती है।मान्यता है कि आदिदेव और माता पार्वती के पुत्र कार्तिकेय जी का जन्म भी आज ही के दिन हुआ था । जो आकर्षक सुंदर गौर वर्ण में जन्मे थे । इस कारण कुंवारी कन्या द्वारा इस पर्व को कुमार पुर्णिमा के रूप में सुंदर वर पाने के लिए मनाया जाता है ।
रत्नाकर डाकु से महर्षि वाल्मीकि बने महाभारत के रचयिता का जन्म भी इसी दिन मनाया जाता है । अंत में मुख्य वक्ता ने कहा कि हमारा लक्ष्य राष्ट्र को परम वैभव तक ले जाना है और भारत को फिर से विश्व गुरु बनाना है और संघ की 1 घंटे की शाखा में आने का आवाहन किया गया।सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में आयोजित इस बौद्धिक कार्यक्रम से पुर्व स्वयं सेवकों ने अपना ध्वज लगा ध्वज प्रणाम किया और इसके बाद खेलकुद और योग व्यायाम स्वयंसेवकों द्वारा किया गया।उक्त कार्यक्रम में सुधांशु शुक्ला जी द्वारा ध्वज लगाया गया प्रदीप कुमार चौबे जी के द्वारा सामूहिक गीत और अधिकारी परिचय कराया गया, इस कार्यक्रम में मुख्य तौर से उपस्थित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह जिला कार्यावाह श्री विनोद प्रजापति,राजमोहन यादव, अयोध्या कुमार गुप्ता,ओम प्रसून, संतोष चौबे, लवकुश गुप्ता, रामसूरत राम , गुप्तेश्वर प्रसाद ,सुनील ठाकुर,गोविंद चंद्रवंशी, विश्व रंजन गुप्ता, अमित रजक, मनु उपाध्याय, ब्रजेश सिंह, राम इकबाल शर्मा , ललन, सुबोध पाठक, उमेंद्र यादव, वेद प्रकाश आर्य ,सुनील पांडे, सुशील मिश्रा आदि स्वयंसेवक उपस्थित थे।