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इन राशि से हटेगी अब शनिदेव की साढ़े साती

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स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़: शनि को न्याय का देवता माना जाता है। कहा जाता है कि शनि अपने कर्मों के अनुसार देशवासियों को फल देता है। अच्छे कर्म करने वालों को अच्छे कर्म दिए जाते हैं और बुरे कर्म करने वालों को बुरे फल मिलते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि का मेष नीच और तुला को उच्च माना जाता है। प्रत्येक व्यक्ति को जीवन में एक बार शनि का सामना करना पड़ता है। शनि की चाल बहुत धीमी है, इसलिए हर ढाई साल में यह एक राशि से दूसरी राशि में जाता है। शनि का एक चक्र लगभग 30 वर्षों में पूरा होता है। जैसे ही शनि राशि परिवर्तन करेगा, शनि का आधा भाग बृहस्पति के स्वामित्व वाली एक राशि से स्थानांतरित हो जाएगा और दूसरी राशि में शुरू हो जाएगा। शनि की टेढ़ी नजर शनि 2022 को मकर राशि से निकलकर कुंभ राशि में गोचर करेंगे। जिससे गुरु ग्रह की राशि धनु से शनि की साढ़े साती हट जाएगी। जबकि इसी ग्रह की राशि मीन पर शनि की साढ़े साती शुरू होगी। इसके अलावा शनि की साढ़े साती मकर और कुंभ राशि वालों पर भी चलेगी। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, शनि की साढ़े साती से पीड़ित जातक को कष्टों का सामना करना पड़ता है।




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