खलारी - रैयत विस्थापित मोर्चा चुरी शाखा कमेटी के तत्वाधान में वीर शहीद निर्मल महतो की शहादत दिवस सादे समारोह के साथ ग्राम धवईया टांड स्कूल प्रांगण में संपन्न हुई. सर्वप्रथम सबों ने शहीद निर्मल महतो के चित्र पर श्रद्धांजलि अर्पित किए. शहीद निर्मल महतो अमर रहे जब तक सुरज चाँद रहेगा तबतक तेरा नाम रहेगा. जय झारखण्ड जैसे नारा लगाया गया.शहादत दिवस को इक़बाल हुसैन रामचंद्र उराव रंथू उराव तिग्गा जेपी महराज सुरेश महतो सूरज मुंडा बिनोद महतो ने किया सम्बोधित.श्रद्धांजलि सभा को मोर्चा के केंद्रीय उपाध्यक्ष इक़बाल हुसैन ने सम्बोधित करते कहा कि त्याग, तपस्या और बलिदान का दूसरा नाम शहीद निर्मल महतो थे. उन्होंने शोषण और जुल्म के खिलाफ से अपनी राजनीती जीवन की शुरुआत की थी जो बाद में जाकर अलग झारखण्ड राज्य के आंदोलन से जुड़े तथा इस लड़ाई को मुकाम तक पहुंचाने का काम किए.उनके कुशल नेतृत्व को देखते हुए उन्हें झारखण्ड मुक्ति मोर्चा का अध्यक्ष चुना गया था.उनके नेतृत्व में अलग राज्य की लड़ाई को ऐतिहासिक गति मिली तथा आंदोलन तेज हुआ और झारखण्ड मुक्ति मोर्चा को राष्ट्रीय पहचान मिली.राज्य तथा केंद्र की तत्कालीन सरकारों के अलावा अंतराष्ट्रीय खबरों में भी झारखण्ड राज्य की चर्चा होने लगी.निर्मल महतो के जिंदा रहते-रहते झारखंड राज्य का गठन नहीं हो सका, पर सच यह है कि उनकी हत्या के बाद आंदोलन ने जो गति पकड़ी जिसका परिणाम है कि झारखंड अलग राज्य की स्थापना 15 नवंबर 2000 को की गई। अंत में शहीद निर्मल महतो के संघर्षो त्याग बलिदानों एवं उनके आदर्शो को अपने जीवन उतारने का संकल्प लिया गया.शहादत दिवस का धन्यवाद ज्ञापन बिनोद महतो के द्वारा किया गया. कार्यक्रम के उपरांत सहादत दिवस के अवसर पर जनूपयोगी पीपल के पौधे का वृक्षारोपण एवं इसका संरक्षण हेतु घेराबंदी की गई।मौक़े पे मुख्य रूप से इक़बाल हुसैन रामचंद्र उराव रंथू उराव तिग्गा जेपी महाराज सुरेश महतो सूरज मुंडा बिनोद महतो वीरेंदर महतो बालेशर महतो शंकर महतो संजय महतो धनेश्वर महतो विजय महतो बीरु महतो सत्यनारायण महतो कोलेश्वर महतो महेश महतो सुनील राकेश महतो लखन महतो चंदन महतो महेश महतो राजेश महतो कुमार सुकरी देवी पानो देवी राजवंति देवी रुदनिया देवी मालको देवी शिकांतो देवी चिरोउतिया देवी सरिता देवी पियासो देवी रमणि devi गायत्री देवी समेत तमाम लोग मौजूद थे.